Friday, October 18, 2024
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नारी के सम्मान की रक्षा के बगैर बिखर जाएगा परिवार और समाज—— गुणवंत कोठारी

हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान पूर्वी उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में एडवोकेट एसोसिएशन हाल हाईकोर्ट में हिन्दू समाज के द्वारा प्राणि मात्र के लिए किए गए सेवा कार्य विषय पर अधिवक्ता संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य और हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान के राष्ट्रीय संयोजक गुणवंत सिंह कोठारी ने नारी सम्मान की चर्चा करते हुए कहा कि नारी के सम्मान की रक्षा के बिना परिवार और समाज बिखर जायेगा। हमने मातृदेवो भव कहा है। हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान प्रतिवर्ष सेवा कार्यों को प्रदर्शनी के माध्यम से सेवा के प्रति हिन्दू समाज की प्रतिबद्धता को उजागर करता है। कहा कि हिंदुत्व एक जीवन पढ़ती है। हिंदू धर्म जीवन जीने की एक कला है। व्यष्टि सृष्टि समष्टि एवं परमेष्ठी सब में एक ही आत्मा का साक्षात्कार करने वाली जीवन विद्या है। पंचतत्व वन्य जीव पर्यावरण पारिवारिक एवं सामाजिक मूल्यों का संस्कार देने वाला लाखों वर्षों से विकसित हुआ ऋषियों द्वारा आविष्कृत तंत्र है। श्री कोठारी ने कहा कि संस्थान आगामी कुंभ मेला में हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा कुंभ का आयोजन करेगा। साथ ही हिंदू आध्यात्मिक एवं सामाजिक संगठनों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा प्राणि मात्र के कल्याण के लिए किए जा रहे सेवा कार्यों एवं प्रकल्पों की प्रदर्शनी एवं हिंदू जीवन पद्धति द्वारा वर्तमान विश्व की सभी समस्याओं के समाधान के लिए हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला प्रकृति वंदन गौ वंदन गंगा वंदन मातृ पितृ वंदन आचार्य वंदन कन्या वंदन एवं परमवीर चक्र विजेता वंदन तथा सामूहिक वंदे मातरम आदि कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डा शेखर कुमार यादव ने कहा कि हिन्दू समाज के संतों द्वारा देश भर में अनेक सेवा कार्य संचालित किए जाते हैं लेकिन इसकी जानकारी समाज को नहीं है। इसलिए मंदिरों की ओर से किए जा रहे मानव कल्याण के कार्यों की जानकारी समाज तक पहुंचाने का कार्य हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान की ओर से किया जा रहा है जो सराहनीय है। न्यायमूर्ति डा यादव ने कहा कि हिन्दू दर्शन कण कण में परमेश्वर का दर्शन करता है। हमारा लक्ष्य ऐसे जीवन और व्यवहार को बढ़ाना है जो पर्यावरण वायुमण्डल जल स्रोत वन एवं वन्य जीवों और मानवीय मूल्यों का संवर्धन करना है। उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं में स्वाभिमान और देशभक्ति का भाव जाग्रत करना है। देश धर्म और देव इन तीनों प्रेरणा स्तम्भों के अभाव में हमारा सांस्कृतिक अस्तित्व नहीं रहेगा। इस मौके पर न्यायमूर्ति डा शेखर कुमार यादव ने ब्रिटिश संसद में दिए गए अपने व्याख्यान की भी चर्चा अधिवक्ताओं से की। जिसका सभी ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया।

विशिष्ट अतिथि एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने भी अधिवक्ताओं को संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शांडिल्य ने किया। विषय प्रस्तावना हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान के क्षेत्रीय संयोजक अमरनाथ ने रखा। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन और राष्ट्रगान से किया गया। अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्रम और पौधा भेंटकर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य स्थाई अधिवक्ता चतुर्थ शीतला प्रसाद गौड़ महेश्वर मिश्रा नागेन्द्र जायसवाल अधिवक्ता मनीष द्विवेदी देवेंद्र शुक्ला मानव चौरसिया ऊष्मा मिश्रा अल्पना सिंह अखिलेश यादव अभिषेक श्रीवास्तव वैभव शांडिल्य ओम प्रकाश द्विवेदी उपाध्यक्ष नीरज त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पूर्व संयुक्त सचिव प्रेस आशुतोष त्रिपाठी ने किया।

 

Anveshi India Bureau

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