प्रयागराज। धर्मवीर भारती द्वारा लिखित, हरमेन्द्र सरताज के निर्देशन और आर्यन सिंह के सह निर्देशन में निर्मित नाटक “नदी प्यासी थी” में आदमी के जीवन के प्रति विचार और मनो स्थिति में समय, व्यक्तियों घटनाओं के कारण परिवर्तन के बारे में है और साथ ही साथ ग्रामीण क्षेत्रों में फैले पशु बलि जैसे अंधविश्वासों के बारे में भी गंभीर रूप से चर्चा करता है। स्त्री के चरित्र से संबंधित रूड़ी धारणाओं पर प्रहार है। प्रेम व आकर्षण में भेद ना कर पाने पर संबंधों में उथल पुथल पर आधारित एक कलात्मक रचना है।
ये नाटक अजीत बहादुर और राजकुमार रजक के मार्गदर्शन में इंटिमेट स्पेस “स्टूडियो थियेटर मुट्ठीगंज” में हुआ।
इसके चार शो हुए जिसमे दो पात्रो की डबल कास्टिंग भी है शो शनिवार और रविवार दो दिन हुआ।
मंच पर
राजेश १ – हर्ष राज पाल
राजेश २ – आयुष केसरवानी
शंकर दत्त १- रितिक श्रीवास्तव
शंकर दत्त २- अनुराग शुक्ला
पदमा – चाहत जायसवाल
डाॅ० कृष्ण स्वरूप कक्कड़ – अनुकूल सिंह
शीला दत्त – हीर नित्याकान्त
मंच परे
मंच परिकल्पना – आयुष केसरवानी, आर्यन सिंह
प्रकाश परिकल्पना – हरमेन्द्र सरताज
प्रकाश संचालन – आर्यन सिंह
संगीत संयोजन – हरमेन्द्र सरताज
वस्त्र विन्यास – हीर नित्याकान्त, चाहत जायसवाल
रूप सज्जा – शिरी, रौनक
क्राफ़्ट – नम्रता सिंह
पोस्टर एवं ब्रोशर – शोभित कुशवाहा
प्रचार प्रसार – मोहित वैष्णव, रितिक, हर्ष, अनुराग।
फोटोग्राफ़ी – देवेश सिंह, रोमी ख़ान, अनुराग शुक्ला।
वीडियोग्राफी – शिवांश द्विवेदी
मार्गदर्शन – अजीत बहादुर, राजकुमार रजक
रिहर्सल मैनेजमेंट – आरती, अजीता
आर्थिक सहयोग – रैना राहा रजक
सह निर्देशन – आर्यन सिंह
निर्देशन – हरमेन्द्र सरताज