NEET-UG: 23 जुलाई को, शीर्ष अदालत ने विवादों से घिरी परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह संकेत नहीं मिलता कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है और इससे परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है।
NEET-UG: पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों के आधार पर दोबारा परीक्षा की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नीट यूजी का पूरा परिणाम खराब था और परीक्षा की पवित्रता में “व्यवस्थागत उल्लंघन” हुआ था।
23 जुलाई को, शीर्ष अदालत ने विवादों से घिरी परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया और बुधवार रात को आदेश अपलोड किया गया।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ द्वारा लिखे गए 14-पृष्ठ के अंतरिम आदेश में कहा गया है, “वर्तमान चरण में, रिकॉर्ड पर ऐसी सामग्री का अभाव है, जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि परीक्षा का पूरा परिणाम खराब है या परीक्षा की पवित्रता में व्यवस्थागत उल्लंघन हुआ है।” लगभग 40 याचिकाओं पर विस्तृत और तर्कपूर्ण निर्णय बाद में सुनाया जाएगा।
पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। पीठ ने कहा, “शहरवार और केंद्रवार रिकॉर्ड पर जो डेटा पेश किया गया है और वर्ष 2022, 2023 और 2024 के डेटा की तुलना से यह संकेत नहीं मिलता कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है और इससे परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है।”
पीठ ने कहा कि इस वर्ष दोबारा परीक्षा कराने का आदेश “परीक्षा में शामिल हुए 20 लाख से अधिक छात्रों के लिए गंभीर परिणामों से भरा होगा। इस तरह की कार्रवाई करने से प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान आएगा, जिससे पूरी प्रक्रिया कई महीनों के लिए पीछे हो जाएगी और चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा।”
पीठ ने कहा कि दोबारा परीक्षा कराने का आदेश भविष्य में योग्य चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता को भी प्रभावित करेगा और “हाशिए पर पड़े समुदायों और कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिनके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया है।”
शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से भौतिकी के विवादास्पद प्रश्न के लिए आईआईटी दिल्ली के तीन विशेषज्ञों के पैनल द्वारा सुझाए गए उत्तर को सही मानकर अपनी मेरिट सूची में संशोधन करने को भी कहा।
आदेश में कहा गया है, “यह तथ्य कि NEET (UG) 2024 का पेपर झारखंड राज्य के हजारीबाग और बिहार राज्य के पटना में लीक हुआ, विवाद का विषय नहीं है।” केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की स्थिति रिपोर्ट का हवाला देते हुए आदेश में कहा गया है कि जांच जारी है और अब तक की जांच के दौरान सामने आए साक्ष्यों के अनुसार, हजारीबाग और पटना के परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने वाले लगभग 155 छात्र प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी के लाभार्थी हैं।
पुनः परीक्षा का आदेश देने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि यह इस सुस्थापित परीक्षण के आधार पर निर्देशित है कि क्या दागी छात्रों को उन छात्रों से अलग करना संभव है जिनकी उम्मीदवारी में कोई दाग नहीं है।
“यदि जांच में वर्तमान चरण में संदिग्धों के अलावा लाभार्थियों की बढ़ी हुई संख्या की संलिप्तता का पता चलता है, तो काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद, किसी भी चरण में गलत काम में संलिप्त पाए जाने वाले प्रत्येक छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
Courtsy amarujala.com