मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर जानलेवा हमले प्रकरण में बृहस्पतिवार से बचाव पक्ष की दलीलें शुरू हो गई है। पहले दिन आरोपी राजेश यादव की ओर से अभियोजन के दावों को सिरे से नकार दिया गया। कहा कि हमले के वक्त नंदी को उसने आवाज नहीं लगाई थी
मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर जानलेवा हमले प्रकरण में बृहस्पतिवार से बचाव पक्ष की दलीलें शुरू हो गई है। पहले दिन आरोपी राजेश यादव की ओर से अभियोजन के दावों को सिरे से नकार दिया गया। कहा कि हमले के वक्त नंदी को उसने आवाज नहीं लगाई थी। वह घटना के वक्त मौजूद ही नहीं था। वह किसी अन्य मुकदमें की पैरवी के लिए जिला अदालत गया हुआ था।
जिला अदालत की एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डॉ दिनेश चंद्र शुक्ला की अदालत में मंत्री नंदी पर हुए कातिलाना हमले पर अभियोजन की ओर से मंगलवार का बहस पूरी हो चुकी है। अब बचाव पक्ष दलीले पेश कर रहा है। अभियोजन ने अपनी बहस में दावा किया था कि सुपारी किलर राजेश पायलट को मंत्री की पहचान कराने के लिए राजेश यादव ने नंदी को आवाज लगाई थी। आवाज सुन जैसे ही वह मुड़े बम फट गया था। हलांकि, इस दावें को सिरे से नकारते हुए राजेश यादव के अधिवक्ता ने दावा किया कि वादी मुकदमा नंदी का मौसेरा भाई कमल भी मौके पर नहीं था। रंजिशन उसे मुकदमेंं में फंसाया गया है।
15 साल पहले दिनदहाड़े मंत्री पर हुए हमले में नंदी मरणासन्न अवस्था में पहुंच गये थे। उनसे मिलने घर पहुंचे पत्रकार विजय प्रताप सिंह, राकेश मालवीय, संजय सिंह, अनुज पांडेय, प्रीतम सिंह और श्याम बाबू भी घायल हुए थे। इनमें विजय प्रताप सिंह और राकेश मालवीय की मौत हो गई थी। हमले में भदोही के पूर्व विधायक विजय मिश्रा, चाका के पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा, उनका भाई महेंद्र मिश्रा, सुपारी किलर राजेश पायलट समेत 16 आरोपी बनाए गए थे। इनमें राजेश पायलट की मौत हो चुकी है। अब बचे 15 आरोपियों के बचाव में दलीलें शुक्रवार को भी जारी रहेंगी।
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