देश की सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत पहली बार 160 की रफ्तार से चली। उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) प्रयागराज मंडल के मितावली-मंडराक रेलखंड में सुरक्षा प्रणाली कवच के साथ वंदे भारत को 160 की रफ्तार से चलाया गया।
देश की सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत पहली बार 160 की रफ्तार से चली। उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) प्रयागराज मंडल के मितावली-मंडराक रेलखंड में सुरक्षा प्रणाली कवच के साथ वंदे भारत को 160 की रफ्तार से चलाया गया। यह स्पीड ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा। इसे लेकर एनसीआर प्रयागराज मंडल के महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने अफसरों और कर्मचारियों को बधाई दी है।
दरअसल दिल्ली-हावड़ा रेलखंड पर पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मिशन रफ्तार के तहत ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा की जानी है। इसे लेकर रेलवे ने अपनी आधारभूत संरचना में खासा सुधार दिया है। यहां रेलवे ट्रैक के दोनों ओर जहां दीवार का निर्माण तकरीबन पूरा होने को है तो वहीं पुरानी पटरियों के स्थान पर नई पटरियां भी बिछा दी गई हैं।
पिछले दिनों ही प्रयागराज मंडल में 160 की रफ्तार से इंजन का ट्रायल हुआ। अब इसी क्रम में मितावली-मंडराक रेल खंड में वंदे भारत एक्सप्रेस पर देश में विकसित स्वचालित रेलगाड़ी सुरक्षा प्रणाली कवच का 160 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से शनिवार को सफल परीक्षण किया गया।
परीक्षण के दौरान लूप लाइन चाल नियंत्रण और खतरे के संकेत पार न करने की स्थिति की दो प्रमुख जांचें की गईं। कवच प्रणाली ने बरहन और पोरा जैसे लूप स्टेशनों पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती ट्रेन की गति को स्वचालित रूप से घटाकर 28-30 किमी प्रति घंटा कर दिया।
इसी दौरान हुए एसपीएडी परीक्षण में कवच ने लाल संकेत के करीब पहुंचते ही आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन को 24 से 49 मीटर पहले रोक दिया। एनसीआर के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि इस ट्रायल ने स्पष्ट कर दिया है कि कवच प्रणाली काफी कारगर है।