Monday, September 15, 2025
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Pahalgam Terror Attack: टूटे सपने, काफूर हुईं खुशियां, कहती रहीं सिसकियां- भगवान के लिए हमें बख्श दो

बायसरन घाटी में कोई शादी के बाद नई जिंदगी के लिए सपने सजा रहा था तो कोई अपने जीवन के कैनवास में यादों के रंग भर रहा था। इस बीच आतंकियों की कायराना हरकत ने सारे सपनों और उम्मीदों को तोड़ दिया। जीवन की सबसे अच्छी यादों में खुशियों की जगह खून के रंग भरने लगे। आतंकियों की गोलियों की बौछार के बीच जब उनके अपने दम तोड़ने लगे तो बस जुबां से यही निकला कि… हमें बख्श दो।
मन में खुशियां थीं… बायसरन घाटी में कोई शादी के बाद नई जिंदगी के लिए सपने सजा रहा था तो कोई अपने जीवन के कैनवास में यादों के रंग भर रहा था। इस बीच आतंकियों की कायराना हरकत ने सारे सपनों और उम्मीदों को तोड़ दिया। जीवन की सबसे अच्छी यादों में खुशियों की जगह खून के रंग भरने लगे। कुछ देर पहले तक जिस माहौल में हंसी थीं, वहां चीत्कार गूंजने लगी। गोलियों की आवाज के बीच सिसकियां और जान बचाने की गुहार थी। आतंकियों की गोलियों की बौछार के बीच जब उनके अपने दम तोड़ने लगे तो बस जुबां से यही निकला कि… हमें बख्श दो। पीड़ितों के शब्द मौन हैं और सिसकियां और मायूसी आतंक के मंजर को बयां कर रही हैं।
हमारा कसूर क्या था?
आतंकी हमले में हरियाणा के 26 वर्षीय विनय नरवाल की भी मौत हो गई। नौसेना अधिकारी विनय नरवाल की 16 अप्रैल को शादी हुई थी। विनय अपनी पत्नी हिमांशी के साथ पहलगाम घूमने गए थे। नवदंपती अपनी नई जिंदगी के सपनों को बुन रहे थे। मगर आतंकियों की एक गोली ने हिमांशी का सब कुछ खत्म कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में पति की लाश के पास हिमांशी गुमसुम बैठीं हैं। आंखों में मायूसी है और मन खामोश है। अपने सुहाग को खोने का गम ऐसा है कि बार-बार पूछती है कि आखिर हमारा कसूर क्या था?

हाथों की हिना देख सिसक पड़ती हैं ऐशन्या

हमले में कानपुर के रहने वाले शुभम द्विवेदी की भी मौत हो गई। परिवार के साथ छुट्टियां मनाने गए शुभम के परिवार ने भी न सोचा था कि वे अपने लाडले को खो देंगे। शुभम की शादी दो महीने पहले ही हुई थी। आतंकियों के सामने पत्नी ऐशन्या अपने सुहाग को बचाने के लिए गिड़गिड़ाती रही। उसने खूब हाथ जोड़े। दहशत भरे माहौल में बंदूक के आगे उसने कई मिन्नतें कीं। मगर आंखों के सामने पति की गोली मारकर हत्या देख आंखें फटी की फटी रह गईं। पति की मौत के बाद बदहवास ऐशन्या बार-बार अपने हाथों की मेंहदी देखकर सिसक पड़ती हैं।

पिता और चाचा की लाश देख टूटीं असावरी
महाराष्ट्र की असावरी जगदाले भी उनमें से एक हैं, जिन्होंने अपने पिता और चाचा को हमले में खो दिया। असावरी बताती हैं कि हमलावरों ने उनके पिता से शायद कलमा (इस्लामिक आयत) सुनाने को कहा। वे नहीं सुना सके। आतंकियों ने उन्हें सिर, कान के पीछे और पीठ में तीन गोलियां मारीं। चाचा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। आतंकियों के जाने के बाद जब असावरी ने पिता और चाचा की लाश देखी तो बुरी तरह टूट गईं।

Pahalgam Terror Attack: Broken dreams, lost happiness, sobbing people saying - please forgive us
पता नहीं था यह आखिरी बात होगी
पहलगाम हमले में अमेरिका में काम करने वाले अमेरिकी भारतीय बितान अधिकारी की मौत हो गई। वे आठ अप्रैल को अपनी पत्नी सोहिनी और अपने तीन वर्षीय बेटे के साथ अमेरिका से छुट्टियों में कोलकाता स्थित अपने घर आए थे। वे पिछले सप्ताह कश्मीर गए थे और गुरुवार को वापस लौटने वाले थे। मगर बितान अधिकारी को आतंकियों ने गोली मार दी।

बितान के पिता ने बताया कि वह हम सबको साथ ले जाना चाहता था। लेकिन मैंने उसे बहू के साथ जाने को कहा। मैंने उससे बात भी की थी। बितान के भाई ने कहा कि मैंने आज सुबह अपने छोटे भाई से बात की। उसने मुझे बताया कि कश्मीर से लौटने के बाद हम आस-पास ही लंबी छुट्टियां मनाने की योजना बनाएंगे। हमें नहीं पता था कि यह आखिरी बार होगा जब हम बात करेंगे। बितान की पत्नी और बेटा सुरक्षित हैं और सरकार उन्हें घर वापस लाने की कोशिश कर रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बितान की पत्नी से फोन पर बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार उनके साथ है।

खुफिया ब्यूरो के अधिकारी की भी गई जान
हमले में हैदराबाद में तैनात खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी मनीष रंजन की भी मौत हो गई। मनीष बिहार निवासी थे। वह छुट्टी मनाने के लिए परिवार के साथ पहलगाम गए थे। आईबी के सूत्रों से मिली प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, उन्हें उनकी पत्नी  और बच्चे के सामने गोली मारी गई। मनीष रंजन पिछले दो वर्षों से आईबी के हैदराबाद कार्यालय के मंत्री अनुभाग में कार्यरत थे।
मध्य रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर की भी हत्या की
हमले में मारे गए एक अन्य मृतक की पहचान ठाणे निवासी अतुल मोने (45) के रूप में हुई है। अतुल मध्य रेलवे के कर्मचारी थे। 45 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियर अतुल वर्ष 2000 में मध्य रेलवे में जूनियर इंजीनियर के पद पर भर्ती हुए थे। परेल वर्कशॉप में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे। डोंबिवली में रहने वाले मोने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने परिवार और दोस्तों के साथ जम्मू-कश्मीर घूमने गए थे।

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पर्यटकों पर आतंकी हमला, 26 की नृशंस हत्या
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं।

 

 

 

Courtsy amarujala

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