Friday, October 18, 2024
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Prayagra : हमले में घायल व्यापारी की मौत के बाद फूटा गुस्सा, परिजनों ने अंतिम संस्कार से किया इनकार

पड़ोसियों के हमले में घायल व्यपारी अनिल केसरवानी की मौत के बाद जमकर बवाल हुआ। बृहस्पतिवार की देर शाम शव घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। शुक्रवार को परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से ही मना कर दिया, जिससे पुलिस के हाथ पांव फूल गए। तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

मकान की शटरिंग के दौरान पड़ोसियों के हमले में घायल किराना व्यापारी अनिल केसरवानी (35) की बुधवार आधी रात इलाज के दौरान मौत हो गई। बृहस्पतिवार देर शाम उनका घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। सुरक्षा के लिए कौंंधियारा व बारा एसीपी के साथ सर्किल के थानों की फोर्स मृतक के घर और बाजार में तैनात रही। शव घर पहुंचा तो परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया। वह मौके पर डीएम को बुलाने की जिद पर अड़ गए।

इस मामले में इंस्पेक्टर कौंधियारा सस्पेंड किया गया था। पुलिस सात आरोपियों को जेल भेज चुकी है। जारी निवासी राधिका केसरवानी के भूखंड पर 13 अक्तूबर को उनके बेटे मनोज केसरवानी, नीरज केसरवानी, अनिल केसरवानी, पति बब्बू केसरवानी, देवर राममोहन केसरवानी शटरिंग कराने गए थे। इसी बीच पड़ोसी हरिमोहन साहू, उसके बेटे फूल कुमार साहू, राजकुमार साहू, किशन साहू, फूल कुमार के बेटे अंश, वंश व आधा दर्जन अन्य लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया।

घटना में अनिल और उसके पिता को गंभीर चोट आई। अनिल का इलाज शहर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, जहां बुधवार आधी रात को उनकी मौत हो गई। घटना के दिन परिवारवालों ने पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने और आरोपियों की मदद का आरोप लगाते हुए पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया था। अगले दिन परिवारजनों और व्यापारियों ने जारी चौकी का घेराव करते हुए घंटों प्रदर्शन किया था।

मंगलवार को इंस्पेक्टर कौंधियारा गणेश तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया। बृहस्पतिवार देर शाम अनिल का शव उनके घर पहुंचा तो बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और व्यापारी इकट्ठा हो गए। व्यापारियों ने दुकानें बंद कर विरोध जताया। हंगामे की आशंका पर कई थानों की फोर्स के साथ एसीपी कौंधियारा विवेक यादव और एसीपी बारा संतलाल सरोज तैनात रहे। परिजन डीएम को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े थे। शुक्रवार को परिजन डीएम को बुलाने की मांग पर अड़ गए। तमाम अधिकारी मान मनौवल में जुटे रहे लेकिन परिजन मानने के लिए तैयार नहीं हुए। काफी जद्दोजहद के बाद शव का अंतिम संस्कार करने पर परिजन राजी हुए।

 

 

 

 

Courtsy amarujala.com

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