निबंधन विभाग को भी अनुमान था कि हर साल की तरह इस बार भी धनतेरस पर बैनामा कराने वालों की भीड़ कई गुना बढ़ सकती है, सो विभाग ने सभी तहसीलों में तैयारियां भी उसी हिसाब से की थीं लेकिन अपेक्षा से अधिक भीड़ होने के कारण सर्वर काफी धीमे काम कर रहा था और एक रजिस्ट्री पर 20 से 25 मिनट का वक्त लग रहा था।
धनतेरस पर जहां 302 लोगों को अपना आशियाना मिला, वहीं सरकारी धनवर्षा के साथ खजाने में तीन करोड़ 65 लाख 16 हजार रुपये की बढ़ोतरी हुई। आम दिनों के मुकाबले भीड़ काफी अधिक होने से शनिवार को दिनभर सर्वर बैठा रहा और निबंधन विभाग में बैनामा (रजिस्ट्री) कराने आए लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
हालांकि निबंधन विभाग को भी अनुमान था कि हर साल की तरह इस बार भी धनतेरस पर बैनामा कराने वालों की भीड़ कई गुना बढ़ सकती है, सो विभाग ने सभी तहसीलों में तैयारियां भी उसी हिसाब से की थीं लेकिन अपेक्षा से अधिक भीड़ होने के कारण सर्वर काफी धीमे काम कर रहा था और एक रजिस्ट्री पर 20 से 25 मिनट का वक्त लग रहा था।
इसके बावजूद निबंधन विभाग के अफसर और कर्मचारी दिनभर जुटे रहे और इस प्रयास में लगे रहे कि लोगों को ज्यादा इंतजार न करना पड़े। सर्वाधिक 58 बैनामे तहसील सदर-2 के निबंधन कार्यालय में हुए जहां रजिस्ट्री से कुल 67.50 लाख रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई। वहीं आय के मामले में सबसे आगे तहसील सदर-1 और हंडिया का कार्यालय रहा। तहसील सदर-1 में 44 बैनामों से 80 लाख रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई।
राजस्व के मामले में हंडिया तहसील ने सदर-1 को टक्कर दी और वहां 20 बैनामों से 80 लाख रुपये सरकारी खजाने में पहुंचे। इसके अलावा फूलपुर तहसील के निबंधन कार्यालय में 27 बैनामों से 23 लाख रुपये, करछना में 70 बैनामों से 58 लाख, सोरांव में 26 बैनामों से 22 लाख, कोरांव में 20 बैनामों से 13.31 लाख, बारा में 15 बैनामों से 11.20 लाख और मेजा तहसील के निबंधन कार्यालय में 22 बैनामों से 10 लाख रुपये का राजस्व सरकारी खजाने में पहुंचा।