महाकुंभ बीतने के बाद करीब 50 दिन बाद सिविल लाइंस रोडवेज बस अड्डे को खोला दिया गया है। शुक्रवार से अब यहीं से बसों का आावागमन शुरू हो गया है।
महाकुंभ बीतने के बाद करीब 50 दिन बाद सिविल लाइंस रोडवेज बस अड्डे को खोला दिया गया है। शुक्रवार से अब यहीं से बसों का आावागमन शुरू हो गया है। भीड़ के चलते सभी बस अड्डे को शहर के बाहर अस्थायी बस स्टैंड में शिफ्ट कर दिया गया था। वाराणसी, जौनपुर, गोरखपुर, मऊ, दोहरीघाट, गाजीपुर, आजमगढ़ सहित इस रूट की सभी बसों को झूंसी स्थिति अस्थायी बस स्टैंड पर शिफ्ट कर दिया गया था।
बसों का संचालन अंदावा से किया जा रहा था। यहां से शटल बसों के माध्यम से श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र तक लाया जाता था। इसी तरह जीरो रोड बस अड्डे से संचालित होने वाली चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, ललितपुर, सोनभद्र आदि रूट की बसों को नैनी से और कानपुर, फतेहपुर, कौशांबी की बसों को नेहरू पार्क धूमनगंज, लखनऊ, प्रतापगढ़, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, सुल्तानपुर आदि रूट की बसों का संचालन फाफामऊ और मलाका से संचालित किया जाता था।

