Tuesday, September 16, 2025
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Prayagraj : तीन सदस्यीय एसआईटी में पांच अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल, हत्याकांड गुत्थी सुलझाने में जुटेगी टीम

वायुसेना परिसर में हुए कमांडर वर्क इंजीनियर सत्येंद्र नारायण मिश्र हत्याकांड की विवेचना अब विशेष जांच दल (एसआईटी) की निगरानी में होगी। डीजीपी की ओर से तीन सदस्यीय एसआईटी गठित कर दी गई है।

वायुसेना परिसर में हुए कमांडर वर्क इंजीनियर सत्येंद्र नारायण मिश्र हत्याकांड की विवेचना अब विशेष जांच दल (एसआईटी) की निगरानी में होगी। डीजीपी की ओर से तीन सदस्यीय एसआईटी गठित कर दी गई है। आईजी रेंज प्रेम कुमार गौतम की अध्यक्षता में गठित इस टीम में प्रयागराज के अपर पुलिस आयुक्त अपराध डॉ. अजयपाल शर्मा व एसीपी धूमनगंज बृजेंद्र यादव भी शामिल किए गए हैं।

परिजनों ने दो दिन पहले इस मामले में पुलिस विभाग के आला अफसरों को पत्र भेजकर मामले की जांच निजी एजेंसी या एसआईटी से कराने की मांग की थी। उन्होंने पुलिस की खुलासे की थ्योरी पर सवाल उठाए थे। इसके बाद ही डीजीपी की ओर से मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्णय लिया गया। एसआईटी ने रविवार को काम शुरू भी कर दिया। तीनों अफसरों ने विवेचक पूरामुफ्ती थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह को बुलाकर केस के संबंध में पूछताछ की। विवेचना की अब तक की प्रगति के बारे में भी जानकारी हासिल की।
माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में एसआईटी एयरफोर्स कैंपस स्थित घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ मृतक अफसर की पत्नी व बेटे से भी बात कर सकती है। अपर पुलिस आयुक्त अपराध डॉ. अजयपाल शर्मा ने बताया कि एसआईटी विवेचना की निगरानी करेगी। साथ ही यह सुनिश्चित करेगी कि घटना से संबंधित सभी पहलुओं पर व्यापक पड़ताल कर साक्ष्य जुटाए जाएं और इन्हें विवेचना में शामिल किया जाए।

कब क्या हुआ

29 मार्च- भोर में तीन बजे के करीब वायुसेना कैंपस बमरौली स्थित सरकारी आवास में अफसर की हत्या।

31 मार्च- पुलिस ने सौरभ पासी व उसके माता-पिता को गिरफ्तार कर खुलासे का दावा किया।

एक अप्रैल- पुलिस ने साजिश में शामिल होने के आरोप में जेल में बंद सौरभ के भाई हनी उर्फ गौतम का भी नाम मुकदमे में शामिल किया, तीनाें आरोपी जेल भी भेजे गए।

तीन अप्रैल- पत्नी ने पुलिस आला अफसरों को पत्र भेजकर निजी एजेंसी या एसआईटी से जांच कराने की मांग की।

चार अप्रैल- डीजीपी की ओर से तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गई।पांच अप्रैल- एसआईटी ने जांच शुरू की, विवेचक को बुलाकर की पूछताछ।

पुलिस की थ्योरी : चोरी करने गया था, नाकाम रहने पर की हत्या

पुलिस का दावा है कि सौरभ ने जेल में बंद भाई की जमानत के लिए रुपयों का इंतजाम करने के लिए अफसर के घर में चोरी की योजना बनाई। वहां पहुंचने पर चोरी में नाकाम रहने पर उनकी हत्या कर दी। दावा यह भी है कि इस साजिश में उसकी मां सुनीता, पिता शिवकुमार और भाई हनी भी शामिल हैं।

परिजनों का सवाल : चोरी करनी थी तो हत्या की तैयारी से क्यों गया

अफसर की पत्नी वत्सला मिश्रा ने पुलिस के खुलासे की थ्योरी पर असंतोष जताते हुए कई सवाल उठाए हैं। इनमें एक सवाल यह भी है कि आरोपी को अगर चोरी करनी थी तो वह हत्या की तैयारी से क्यों आया। क्यों वह दो असलहे लेकर पहुंचा। तमाम अन्य सवाल भी उन्होंने उठाए हैं।

एसआईटी में शामिल होंगे विवेचक, आरोपियों से फिर होगी पूछताछ

वायुसेना के कमांडर वर्क इंजीनियर सत्येंद्र नारायण मिश्र की हत्या के लिए गठित एसआईटी में जल्द ही विवेचक शामिल किए जाएंगे। आईजी रेंज ही इस टीम के लिए विवेचक नामित करेंगे। इसके बाद हत्याकांड के चारों अभियुक्तों से फिर से पूछताछ होगी। उन्हें पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर एसआईटी उनका बयान दर्ज करेगी।

तीन सदस्यीय एसआईटी ने काम शुरू कर दिया है। इसमें शामिल अफसर मामले के विवेचक पूरामुफ्ती थानाध्यक्ष को बुलाकर पूछताछ करने के साथ ही केस डायरी भी देख चुके हैं। कार्रवाई की अगली कड़ी में परिवारवालों से पूछताछ व उनका बयान दर्ज किया जाना है। हालांकि, उनकी ओर से अवगत कराया गया है कि वह 11 अप्रैल को तेरहवीं के बाद ही लौटेंगे।

सूत्रों का कहना है कि जल्द ही एसआईटी में विवेचक शामिल किए जाएंगे। दरअसल, अभी इसमें दो आईपीएस व एक डिप्टी एसपी रैंक के अफसर को शामिल किया गया है। इसमें अब तक इंस्पेक्टर रैंक का कोई पुलिसकर्मी नहीं है। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

इसके बाद पुलिस की ओर से हत्यारोपी सौरभ व उसके भाई हनी उर्फ गौतम, मां सुनीता, पिता शिवकुमार को कस्टडी रिमांड पर लेने के संबंध में कार्रवाई की जाएगी। यह माना जा रहा है कि हत्यारोपियों से पूछताछ में अभी कई अन्य बातों का खुलासा हो सकता है।

कहां थी पुलिस पेट्रोलिंग टीम
घटनास्थल वायुसेना कैंपस के भीतर होने के चलते अब तक इस मामले में परिसर की सुरक्षा को लेकर ही सवाल खड़े हुए हैं। हालांकि, अब स्थानीय पुलिस की भूमिका को लेकर भी सवाल पूछे जा रहे हैं। सवाल यह है कि आरोपी आधी रात को बैग में दो असलहे, कारतूस व अन्य औजार लेकर घूम रहा था तो पुलिस की रात्रिकालीन पेट्रोलिंग टीम की नजर उस पर कैसे नहीं पड़ी। आखिर टीम कहां थी और घटना वाली रात रात्रिकालीन ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों से इस संबंध में पूछताछ क्यों नहीं की गई।

 

 

 

 

Courtsy amarujala

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