Sunday, September 14, 2025
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Prayagraj Flood : , अशोक नगर समेत कई मोहल्ले चपेट में, खतरे के निशान के करीब पहुंचा गंगा-यमुना का जलस्तर

Prayagraj Sangam Flood : गंगा और यमुना का पानी शुक्रवार देर रात बस्तियों में घुस गया। इसकी चपेट में एक दर्जन से अधिक मोहल्लों के सैकड़ों घर आ गए हैं। दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है। इससे बाढ़ का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। गंगा यमुना का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। उफनाई नदियां खतरे के निशान के करीब एक मीटर नीचे बह रही हैं। बस्तियों में हाहाकार मचा हुआ है।

Prayagraj Flood News : गंगा और यमुना का पानी शुक्रवार देर रात बस्तियों में घुस गया। इसकी चपेट में एक दर्जन से अधिक मोहल्लों के सैकड़ों घर आ गए हैं। दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है। इससे बाढ़ का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। इसके चलते कछारी इलाके में बसे लोगों की चिंता बढ़ गई है। दोनों नदियों का जलस्तर 83 मीटर के करीब पहुंच गया है। सिंचाई विभाग की शनिवार शाम चार बजे की रिपोर्ट के अनुसार नैनी में यमुना का जलस्तर 82.79 और फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 82.84 मीटर तक पहुंच गया है। गंगा यमुना का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। उफनाई नदियां खतरे के निशान के करीब एक मीटर नीचे बह रही हैं। बस्तियों में हाहाकार मचा हुआ है। खतरे का निशान 84.73 है, जबकि गंगा और यमुना 83 मीटर के ऊपर बह रही हैं।

दोनों नदियों के जलस्तर का खतरे का निशान 84.73 मीटर है। शुक्रवार देर रात को अशोक नगर, नेवादा, द्रौपदी घाट के निचले इलाके की बस्तियों में पानी घुस गया। छोटा बघाड़ा में शिवालय मंदिर के आसपास के सैकड़ों घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इन क्षेत्रों के खाली प्लॉटों के अलावा घरों के बेसमेंट में पानी भर गया है। कछार में भीतर जाकर मकान बनाने वालों का आधा तल डूब गया है और लोग पलायन करने व सामान हटाने को मजबूर हो गए हैं। छोटा बघाड़ा में बख्शी बांध, नागवासुकि मंदिर घाट की तरफ के सैकड़ों मकान भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सड़क पर पानी भरने से बस्ती के लोगों का आवागमन ठप हो गया है।

 

 

 

Prayagraj Flood: Flood water reached the settlements, water level continues to rise

जलस्तर के साथ बढ़ रहा बाढ़ का दायरा

 

दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार शाम को यमुना का जलस्तर दो सेमी प्रतिघंटे और गंगा का करीब डेढ़ सेमी प्रतिघंटे की दर से बढ़ा। ऐसे में बाढ़ का दायरा भी फैलता जा रहा है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहने के आसार हैं और जलस्तर 84 मीटर तक पहुंचने की बात भी कही जा रही है। हालांकि सिंचाई विभाग के अफसरों के अनुसार रविवार शाम से राहत की उम्मीद है। केन, बेतवा, चंबल और पहाड़ों से जो पानी छोड़ा गया है उसे देखते हुए रविवार को भी जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रहेगी लेकिन अब फिर से पानी नहीं छोड़ा गया और मौसम साफ रहा तो रविवार शाम से जलस्तर में कमी आने की उम्मीद है।

Prayagraj Flood: Flood water reached the settlements, water level continues to rise

बाइक पर ले गए चारपाई, बाढ़ के पानी में तैराकर हटाई चौकी

 

शनिवार को बाढ़ प्रभावित इलाके में अजीबो गरीब नजारे देखने को मिले। कई घरों में बाढ़ के पानी पर सामान तैर रहा था। इसे बचाने की जद्दोजहद में कुछ लोग मोटरसाइकिल पर ही चारपाई लादकर बाहर ले आए। चौकी तो बाढ़ के पानी के सहारे ही बाहर लेकर आए। खुद को और सामान बचाने की इस तरह की जद्दोजहद देर तक देखने को मिली।

गंगा एवं यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब पौने दो मीटर नीचे है लेकिन छोटा बघाड़ा के बाढ़ की विभिषिका अभी से दिखने लगी है। सैकड़ों परिवार तो अपना घर होने के बावजूद कहीं और आसरा तलाशने के लिए मजबूर हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने अपना सामान पहले तल पर शिफ्ट कर दिया है। वहीं कई परिवार ऑटो-रिक्शा से अपना सामान सुरक्षित स्थानों पर ले गए।

 

 

Prayagraj Flood: Flood water reached the settlements, water level continues to rise

छोटा बघाड़ा में  सैकड़ों घर पानी से घिरे

 

छोटा बघाड़ा के शिवालय के पास तक पानी आ गया है। अभिषेक यादव, राजा रघुवंशी समेत सैकड़ों घर बाढ़ में घिर गए हैं। राजा रघुवंशी के बेसमेंट में पानी भर गया है। उनके दरवाजे पर भी लग गया है। उनका कहना है कि बेसमेंट और भूतल के सामान प्रथम तल लेते गए हैं। जो सामान नहीं ले जा सकते थे वह खराब हो रहे हैं। अभिषेक यादव का कहना है कि अभी उनके घर में पानी नहीं घुसा है लेकिन सामान प्रथम तल पर कर दिया है। छोटा बघाड़ा के रामदुलार के घर भी बाढ़ के पानी में घिर गया है। अभी घर में पानी नहीं घुसा है लेकिन उन्होंने शनिवार को उन्होंने सामान शिफ्ट कर दिया। हालांकि, कई सामान वह नहीं ले जा पाए और उनके खराब होने की आशंका बन गई है। वहीं रोहित बरनवाल के घर में भी पानी घुस गया है। रोहित का कहना है कि ज्यादातर सामान प्रथम तल पर शिफ्ट कर दिया है लेकिन भारी सामान नीचे ही रह गए हैं। उनका कहना है कि बाढ़ आने पर हर बार आलमारी आदि सड़ जाते हैं और नए सिरे से बनवाना पड़ता है।

 

Prayagraj Flood: Flood water reached the settlements, water level continues to rise

बाढ़ राहत शिविर भी हुए शुरू, पहुंचने लगे पीड़ित

 

गंगा-यमुना का पानी बस्तियों में पहुंचने के साथ बाढ़ राहत शिविर भी शुरू हो गए हैं। शनिवार को कैंटोनमेंट स्थित गेस्ट हाउस में कुल 14 लोग और छोटा बघाड़ा में एनी बेसेंट स्कूल में कुल 36 लोग पहुंच गए। इसके साथ ही बाढ़ पीड़ितों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। छावनी गेस्ट हाउस राहत शिविर में आधा दर्जन परिवार पहुंच गए हैं। ज्यादातर परिवार अपना सामान लेकर पहुंचे हैं। एनी बेसेंट स्कूल में दिन में एक बजे तक ही आधा दर्जन से अधिक परिवार पहुंच गए थे।

पानमति सुबह ही पूरे सामान और परिवार के साथ पहुंच गईं। एनी बेसेंट में सीमा केसरवानी, कृष्णा देवी, सुनील कुमार सैनी, सुरेश यादव, काजल रावत, नीरज कुमार समेत अनेक लोग अपने परिवार और सामान के साथ राहत शिविर में पहुंच गए। राहत शिविर में आने वालों का क्रम रात तक जारी रहा।

Prayagraj Flood: Flood water reached the settlements, water level continues to rise

 

किरायेदारों को पहले रोका गया

 

एनी बेसेंट स्कूल में किराये पर रहने वाले बाढ़ पीड़ितों को जगह नहीं दी जा रही थी। नीरज कुमार अपनी बहन और भांजे के साथ शिविर में पहुंचे लेकिन काफी देर तक उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। शिविर में प्रवेश से पहले सभी का आधार कार्ड देखा जा रहा था। जिनका आधार कार्ड दूसरी जगह का था उन्हें भी रोका जा रहा था। हालांकि, बाद में नीरज को शिविर में रहने की मंजूरी दे दी गई।

 

सुबह नहीं मिला नाश्ता व भोजन

 

बाढ़ राहत शिविर में पीड़ितों को शनिवार की सुबह नाश्ता और भोजन नहीं मिला। हालांकि दिन में बिस्तर, पानी का टैंकर, मोबाइल टॉयलेट आदि जरूरी सुविधाओं का इंतजाम कर लिया गया था। अमीन भानु प्रताप सिंह का कहना था कि अभी लोग आए हैं। शाम से भोजन आदि उपलब्ध कराया जाएगा।

 

फूलपुर में चलाई गईं नावें

 

फूलपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को राहत पहुंचाने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। शनिवार को तहसील के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नौ नावें चलाई गईं। इससे लोगों को काफी सहूलियत मिली।

 

 

 

Courtsy amarujala

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