Wednesday, January 15, 2025
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Prayagraj : माफिया अतीक के भाई अशरफ की कुर्क जमीन पर बना लिया मकान, कर दी प्लॉटिंग, एफआईआर दर्ज

माफिया अतीक औह उसके भाई अशरफ की हत्या और गिरोह के तितर बितर होने के बाद माफिया की कुर्क जमीन पर कब्जा भी शुरू हो गया है। यह काम काफी दिनों से चल रहा है। पुरामुफ्ती इलाके में माफिया अशरफ की जमीन पर कुछ लोगों ने प्लाटिंग शुरू कर दी। इस जमीन को पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में कुर्क कर रखा था। अब पुलिस कार्रवाई में जुटी है।

पूरामुफ्ती में भूमाफिया का चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है। शाहा उर्फ पीपलगांव में माफिया अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की कुर्क जमीन पर अवैध तरीके से मकान बना लिया। यही नहीं, प्लाॅटिंग की भी कर दी गई। जानकारी पर प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा। इसके बाद आननफानन में अज्ञात पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

अतीक की तरह ही अशरफ भी चिह्नित माफिया था। 2008 में पुलिस ने पूरामुफ्ती(तत्कालीन धूमनगंज) में स्थित शाहा उर्फ पीपलगांव में उसकी अपराध से अर्जित दो संपत्तियों को चिह्नित किया। इनमें से एक आराजी संख्या 1115, रकबा 0.4680 हेक्टेयर और दूसरी आराजी संख्या 808, रकबा 0.1140 हेक्टेयर शामिल है। राजस्व अभिलेखों में यह दोनों जमीनें अशरफ के नाम पर दर्ज थीं। 14 जुलाई 2008 को गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत इन दोनों जमीनों को कुर्क कर दिया गया, जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 42 बिस्वा था।

प्रशासनिक अमले में पिछले दिनों तब हड़कंप मचा जब यह सूचना मिली कि कुर्क जमीन पर मकान बना लिए गए हैं और प्लाटिंग भी की जा रही है। आननफानन में अफसरों ने संबंधित लेखपाल महेंद्र कुमार व चौकी प्रभारी से स्थलीय निरीक्षण कर रिपाेर्ट देने को कहा। स्थलीय निरीक्षण में सूचना सही पाई गई। आराजी संख्या 1115 में तीन मकान बने पाए गए।

यही नहीं, शेष भूमि पर प्लॉटिंग किया जाना भी पाया गया। यह जानकारी अफसरों को मिली तो आननफानन में कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके बाद अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। डीसीपी नगर दीपक भूकर ने बताया कि जैसे ही इस मामले की सूचना मिली, तत्काल एफआईआर दर्ज कर ली गई। जांच शुरू कर दी गई है। जो भी दोषी होगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

निर्माण को चार साल बीते, कैसे नहीं लगी भनक

सूत्रों का कहना है कि माफिया की कुर्क जमीन पर जो मकान बने पाए गए हैं, उनमें से एक के निर्माण काे चार साल बीत चुके हैं। इसी तरह एक अन्य मकान को एक साल का समय हो चुका है। सवाल यह है कि आखिर कैसे इसकी भनक जिम्मेदारों को नहीं लग सकी। गौरतलब है कि गैंगस्टर एक्ट में कुर्क संपत्ति की देखरेख के लिए प्रशासक नियुक्त किया जाता है। कार्रवाई का आदेश देने वाले डीएम या पुलिस कमिश्नर की ओर से इसे नियुक्त किया जाता है। प्रशासक को यह सुनिश्चित करना होता है कि कुर्क की गई जमीन पर अतिक्रमण न हो पाए। सवाल यह उठता है कि माफिया की कुर्क जमीन पर अवैध कब्जा व निर्माण होता रहा तो आखिर प्रशासक को इसका पता कैसे नहीं चला।

डीसीपी नगर ने दो मामलों में दर्ज कराई है रिपोर्ट

-माफिया की कुर्क जमीन पर अवैध कब्जे का मामला पहले भी आया है सामने

-अतीक अहमद की सिविल लाइंस में एमजी मार्ग स्थित जमीन पर किया गया था कब्जा

-हाईकोर्ट के पास स्थित जमीन पर कराया जा रहा था अवैध निर्माण

-पूर्व में गैंगस्टर के तहत कुर्क हुई थी जमीन

-एसडीएम सदर को नियुक्त किया गया था जमीन का प्रशासक

– करेली के सोलह मार्केट के पास स्थित जमीन पर भी किया जा रहा था अवैध कब्जा

– गैंगस्टर में कुर्क हो चुकी थी संपत्ति

– डीसीपी नगर ने सिविल लाइंस व करेली में दर्ज कराया था मुकदमा

 

Courtsy amarujala.com

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