Sunday, December 22, 2024
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Prayagraj : मनकामेश्वर मंदिर के महंत से कहा- डीएम बोल रहा हूं, सचिव जो कहे उसे कर दीजिए

मनकामेश्वर मंदिर के आचार्य रामचंद्र शुक्ला की ओर से इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। उन्होंने पुलिस को बताया कि दो अक्तूबर को दोपहर 03:37 मिनट पर जिलाधिकारी के अधिकृत मोबाइल से एक काॅल मंदिर के महंत श्रीधरानन्द ब्रह्मचारी महाराज के पास आई।

जिलाधिकारी बनकर मनकामेश्वर मंदिर के मंहत से धोखाधड़ी करने की कोशिश की गई। पहले खुद डीएम बनकर बात की और फिर निजी सचिव बनकर कहा कि डीएम साहब के गृह जनपद में मंदिर बन रहा है, इसमें सहयोग दीजिए। चौंकाने वाली बात यह कि महंत के मोबाइल स्क्रीन पर डीएम के सीयूजी नंबर से कॉल आई। पुलिस अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज कर जांच में जुटी है।

मनकामेश्वर मंदिर के आचार्य रामचंद्र शुक्ला की ओर से इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। उन्होंने पुलिस को बताया कि दो अक्तूबर को दोपहर 03:37 मिनट पर जिलाधिकारी के अधिकृत मोबाइल से एक काॅल मंदिर के महंत श्रीधरानन्द ब्रह्मचारी महाराज के पास आई।

उनके मोबाइल में डीएम का नंबर सेव था, ऐसे में उन्होंने कॉल रिसीव कर ली। फोन उठाते ही दूसरी ओर से खु को जिलाधिकारी प्रयागराज बताकर पहले हालचाल लिया। फिर कहा कि हमारा निजी सचिव कुछ बोलेगा, उसको देख लीजिएगा।

इसके बाद शाम चार बजे एक अंजान नंबर से काॅल आई। फोन करने वाले ने कहा कि जिलाधिकारी से आपकी बात हुई है। इस संबंध में यह कहना है कि उनके गृह जनपद में एक मंदिर बनाया जा रहा है। इसमें आप सहयोग करिये और इतना कहकर फोन काट दिया।

 

साइबर सेल जांच में जुटी

कुछ देर बाद दोबारा फोन आया। इस बार महंत के पूछने पर फोन काट दिया जाता है। थोड़ी देर बाद एक अन्य नंबर से कॉल आई, जिसमें वह अपना नाम प्रवीण बताता है। जब उससे पूछा जाता है कि किस प्रकार का सहयोग मांग रहे हो, तो वह फिर फोन काट देता है।

मामला संदिग्ध लगने पर इस मामले की लिखित शिकायत कीडगंज थाने में की गई। जिस पर धोखाधड़ी की धाराओं में अज्ञात में एफआईआर दर्ज कर ली गई। डीसीपी नगर अभिषेक भारती ने बताया कि मामले में साइबर सेल व साइबर थाना की भी मदद ली जा रही है। जांच पड़ताल चल रही है और उन नंबरों से घटना में शामिल लोगों को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है।

दो साल पहले भी सामने आया था मामला, दो गए थे जेल

पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के सीयूजी नंबर का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी का यह जिले में पहला मामला नहीं है। दो साल पहले अगस्त 2022 में ऐसा ही मामला सामने आया था जिसमें मेजा थाने से दो युवक श्यामेंद्र उपाध्याय व अंकित शुक्ला गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। पूछताछ में उन्होंने बताया था कि वह एक मोबाइल एप के जरिए कमिश्नर, एसएसपी, डीएम के नंबर का इस्तेमाल कर मातहत अधिकारियों पर रौब झाड़ते व अपने काम कराते थे। उन्होंने न सिर्फ अफसरों बल्कि ऊर्जा मंत्री बनकर विद्युत विभाग के अधिकारियों पर दबाव डालकर काम कराए थे।

 

 

Courtsy amarujala.com

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