Thursday, October 23, 2025
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Prayagraj : अगर ऊंची छलांग में हैं माहिर तभी कर पाएंगे रपटा पुल से सफर, तीन माह से क्षतिग्रस्त पड़ा है पुल

तहसील क्षेत्र कोरांव के रामपुर सेमरिहा गांव में सेवटी नदी पर बना रपटा पुल बीते तीन माह पूर्व आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गया था। पुल की हालत का अंदाजा आप तस्वीर देखकर लगा सकते हैं। कई शिकायतों के बाद भी इसकी मरम्मत नहीं कराई गई है।

तहसील क्षेत्र कोरांव के रामपुर सेमरिहा गांव में सेवटी नदी पर बना रपटा पुल बीते तीन माह पूर्व आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गया था। पुल की हालत का अंदाजा आप तस्वीर देखकर लगा सकते हैं। कई शिकायतों के बाद भी इसकी मरम्मत नहीं कराई गई है। क्षतिग्रस्त पुल मरम्मत के अभाव में निष्प्रयोज है।

क्षतिग्रस्त होने के पहले इस पुल से दर्जन भर से अधिक गांवों के लोगों का आवागमन हुआ करता था। बाढ़ के कारण पुल का सड़क से जोड़ने वाला हिस्सा बह गया है। यह काम बहुत बड़ा भी नहीं है लेकिन जिम्मेदार लोगों की परेशानी से बेखबर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीणों ने पीडब्ल्यूडी विभाग के उच्च अधिकारियों से कई बार शिकायत की, यहां तक कि संपूर्ण समाधान दिवस व मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी ऑनलाइन शिकायत की किंतु आज तक विभाग के लोग देखने तक नहीं आए।

ग्रामीणों ने बताया कि पुल का निर्माण 2009 में कोरांव से विधायक रहे राजबली जैसल के प्रयास से हुआ था। निर्माण के बाद से आज तक इसकी मरम्मत नहीं कराई गई। बीते वर्ष भी नदी में आई बाढ़ से पुल के दोनों तरफ का हिस्सा बहाव में बह गया था। ग्रामीणों ने दोनों तरफ स्वयं मिट्टी डालकर आवा गमन चालू कर लिया था। लेकिन, इस वर्ष 17 जुलाई को आई बाढ़ में पुल के दोनों तरफ का बड़ा हिस्सा बढ़ गया। इस पुल से सेमरिहा, शिवपुर, कटरा,अतरेजी, देवघाट सहित दर्जन भर गांवों के लोगों तथा स्कूली बच्चों का आना जाना हुआ करता है। 

बोले लोग

सेवटी नदी में बने पुल के क्षतिग्रस्त होने से कई गांव के लोगों का आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। कई बार विभागीय अधिकारियों से शिकायत की गई किंतु विभागीय लोग बेपरवाह बने हुए हैं। – प्रकाश तिवारी, सेमरिहा

तीन महीने पूर्व आई बाढ़ से पुल के दोनों तरफ का साइडर एवं पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है। आवागमन के लिए एक तरफ ग्रामीणों के सहयोग से मिट्टी तो डाल दी गई है। वहीं दूसरे तरफ ज्यादा कटान होने की वजह से मिट्टी भर पाना मुश्किल हो गया है। बांस का चह बनाकर किसी तरह लोग आवागमन के लिए मजबूर है। – सचिन कुमार त्रिपाठी।

प्रयागराज जाने के लिए नेशनल हाईवे मार्ग तक पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। सबसे ज्यादा समस्या स्कूली बच्चों के लिए बना हुआ है। जान जोखिम में डालकर स्कूली बच्चे अपनी साइकिल पार किया करते हैं। – भोलानाथ विश्वकर्मा

पुल एवं सड़क दोनों की हालत बेहद खराब है। आवागमन पूरी तरह प्रभावित है। जबकि यह गांव ब्लॉक प्रमुख कोरांव का गांव है। वहीं चार किलोमीटर दूर क्षेत्रीय विधायक राजमणि कोल का भी निवास है। किंतु जनप्रतिनिधि पुल निर्माण के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। – अंकित दुबे, रामपुर सेमरिहा

वैकल्पिक व्यवस्था की जिम्मेदारी ब्लॉक प्रमुख एवं ग्राम प्रधान की है। रही बात पुल की मरम्मत के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जल्द ही मरम्मत का कार्य कराया जाएगा। एक-दो दिन में वैकल्पिक व्यवस्था करा दी जाएगी। – राजमणि कोल, विधायक कोरांव

 

 

 

Courtsy amarujala
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