गंगा-यमुना के जलस्तर में एक बार फिर से बढ़ोतरी शुरू हो गई है। बीते 24 घंटे के दौरान दोनों नदियों का जलस्तर तकरीबन सवा मीटर बढ़ने से शहर के निचले इलाकों में हड़कंप मच गया। यमुना का जलस्तर 80 मीटर के आंकड़े को पार कर गया। बृहस्पतिवार को जलस्तर में वृद्धि जारी रही।
इस बीच बीते 24 घंटे के दौरान प्रयागराज में 37.75 मिमी बारिश दर्ज हुई। सर्वाधिक बारिश करछना तहसील में 74 मिमी दर्ज हुई, जबकि यमुनापार के मेजा में 50 मिमी बारिश हुई। वहीं, गंगापार में सर्वाधिक 61 मिमी बारिश हंडिया तहसील क्षेत्र में दर्ज हुई। सदर तहसील में 51 मिमी बारिश होने की बात कही जा रही है। उधर, तमाम बैराजों और बांधों से नदियों में छोड़े जा रहे पानी से प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
मंगलवार रात यमुना का नैनी में जलस्तर 79.23 मीटर दर्ज किया गया था जो 24 घंटे बाद बढ़कर 80.42 मीटर हो गया। इसी तरह गंगा का छतनाग में जलस्तर मंगलवार रात आठ बजे 78.52 मीटर दर्ज किया गया था, जो बुधवार रात आठ बजे 79.79 मीटर हो गया। इस तरह से गंगा के जलस्तर में 1.27 मीटर एवं यमुना के जलस्तर में 1.19 मीटर की वृद्धि हुई।
हालांकि, गंगा-यमुना अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही है। यहां गंगा-यमुना का खतरे का निशान 84.734 मीटर है। बुधवार रात आठ बजे यमुना का नैनी में 80.42 मीटर एवं गंगा का छतनाग में जलस्तर 79.67 मीटर रहा। सिंचाई विभाग के अफसरों का कहना है अभी जलस्तर में वृद्धि जारी रहने की संभावना है।
प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। घाट पर दुकान लगाने वाले लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं। यह तीसरी बार जलस्तर की बढ़ोतरी है। इसके पहले भी दो बार जलस्तर में वृद्धि हो चुकी है। एक बार गंगा श्री बड़े हनुमान मंदिर में प्रवेश कर चुकी हैं। दूसरी बार मंदिर के पास से वापस हो गईं और अब तीसरी बार वृद्धि जारी है।
कानपुर, मध्य प्रदेश सहित कई जगहों पर पानी छोड़े जाने के चलते जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। कई दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते भी नदियां उफान पर हैं। कई दिनों से हो रही कभी रिमझिम तो कभी मूसलाधार बारिश से बृहस्पतिवार को राहत मिली।