राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो.रंजना त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है। नवनियुक्त शिक्षकों ने शिकायत की थी कि नियुक्ति पत्र मिलने से पूर्व प्राचार्य की ओर से उन्हें ट्रस्ट के बैंक अकाउंट में दो लाख रुपये जमा करने के लिए कहा गया था।
राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो.रंजना त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है। नवनियुक्त शिक्षकों ने शिकायत की थी कि नियुक्ति पत्र मिलने से पूर्व प्राचार्य की ओर से उन्हें ट्रस्ट के बैंक अकाउंट में दो लाख रुपये जमा करने के लिए कहा गया था। कुछ साक्ष्य भी उपलब्ध कराए, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई।
कॉलेज के शिक्षकों ने कुलपति से शिकायत की थी कि नियुक्ति एवं तनख्वाह मिलने के बाद भी पांच लाख रुपये उसी अकाउंट में जमा करने के लिए कहा गया था। इसके बाद विवि प्रशासन ने नौ दिसंबर को नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। कुलपति ने डीएसडब्ल्यू प्रो.एनके शुक्ला की अध्यक्षता में हाई पॉवर कमेटी गठित की।
विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी प्रो.जया कपूर का कहना है कि शिकायत के साथ मिले साक्ष्य के आधार पर बुधवार को कुलपति के निर्देश पर कुलसचिव प्रो.आशीष खरे ने प्राचार्य को निलंबित कर उनके खिलाफ कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दे दी है। अगले आदेश तक प्राचार्य का पदभार सीएमपी महाविद्यालय के प्रो. अजय प्रकाश खरे के पास होगा। हाई पाॅवर कमेटी भी अपनी रिपोर्ट एक महीने में देगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्राचार्य की गलती नहीं, ट्रस्ट ने लिया दान
राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय गवर्निंग बॉडी की अध्यक्ष डॉ.शशि टंडन ने निलंबन जैसी किसी कार्रवाई की जानकारी से इन्कार किया है। उनका कहना है कि गौरी पाठशाला सभा ट्रस्ट ने दान लिया है और शिक्षकों ने स्वेच्छा से धनराशि दी है। डॉ. शशि टंडन ने बताया कि इस संबंध में उन्हें अभी तक कोई आदेश नहीं मिला है। उनका कहना है कि पूरे प्रकरण में प्राचार्य कहां दोषी हैं। गौरी पाठशाला सभा ट्रस्ट को दान लेने का अधिकार है। यह पहली बार नहीं हुआ है। पहले भी दान लिए जाते रहे हैं और हम लोग भी देते आएं हैं। इसमें प्राचार्य की कोई भूमिका नहीं है।
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