रोटरी क्लब और डॉ. प्रीति हॉस्पिटल, झूंसी के संयुक्त तत्वावधान में पहली बार सर्वाइकल कैंसर के समग्र इलाज हेतु निशुल्क कैंप के आयोजन के तहत प्रीति हॉस्पिटल में 150 बच्चियों का और आशुतोष मेमोरियल स्कूल में 117 बच्चियों का वैक्सीनेशन किया गया.
इस कैंप के उद्घाटन के मौके पर महापौर गणेश केसरवानी मौजूद रहे. उन्होंने इस मुहिम के लिए रोटरी क्लब, डॉ. प्रीति हॉस्पिटल, झूंसी और आशुतोष मेमोरियल स्कूल की तारीफ़ करते हुए कहा कि इस तरह के जनहित से जुड़े काम हमारी सामाजिक ज़िम्मेदारी है.
21 नवंबर को सपन्न हुए टीकाकरण अभियान में इस 9 साल से 18 साल की 267 बच्चियों का निशुल्क वैक्सीनेशन किया गया।
डॉ. संगीता लोढ़ा, महाराष्ट्र रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3030 की मौजूदगी में बच्चियों का वैक्सीनेशन संपन्न कराया गया. मौके पर डिट्रिक्ट गवर्नर 3120 पारितोष बजाज और पंकज जैन DGRH प्रयागराज भी मौजूद रहे।
आशुतोष मेमोरियल स्कूल के निदेशक रोटेरियन डॉ. गिरीश पांडेय ने इस अभियान के तहत कई वंचित वर्ग के स्कूलों में जाकर जागरूकता अभियान चलाया है।
मौके पर मौजूद अतिथियों को रोटेरियन पिंकी मुखर्जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अभियान के तहत अलगे चरण में जिन लोगों के अंदर सर्वाइकल कैंसर के लक्षण हैं या ऐसी महिलाएं जिनको यह जानकारी नहीं है कि उनके अंदर जो लक्षण हैं वो सर्वाइकल कैंसर के हैं, उनको जागरूक करने के साथ-साथ उनके लिए 22 नवंबर से 30 नवंबर तक नि:शुल्क एचपीवी ब्लड टेस्ट किया जाएगा, इस जांच की कीमत लगभग 1350 रूपए है. यह जांच पैथकाइंड लैब के द्वारा निशुल्क की जाएगी।
अगले चरण में 1 दिसंबर से 7 दिसंबर तक स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ, डॉ. प्रीति त्रिपाठी के द्वारा सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए, निशुल्क कॉलपोस्कोपी टेस्ट किया जाएगा. इस टेस्ट की कीमत 2000 रूपए है।
अगले चरण में 8 दिसंबर से 15 दिसंबर तक एम्स के विशेषज्ञ, डॉ. राहुल गुप्ता, ऑन्कोलॉजिस्ट और डॉ. प्रीति त्रिपाठी के संयुक्त प्रयास से जिन महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण पाए जाएंगे उनके इलाज के लिए क्रायो सर्जरी की जाएगी।
प्रयागराज में पहली बार सर्वाइकल कैंसर से बचाव, जांच और इलाज का संपूर्ण ड्राइव रोटरी प्रयागराज और डॉ. प्रीति हॉस्पिटल के संयुक्त प्रयास से शुरू किया जा रहा है. यह इतना गंभीर इसलिए है क्योंकि हर महीने 75 लाख से अधिक महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित हो रही हैं. दुनियाभर में सर्वाइकल कैंसर के ज़्यादातर मामलों में भारत भी कहीं आगे है. हर 8 मिनट में से एक महिला की मौत सर्वाइकल कैंसर से हो रही है. 9 से 18 साल की उम्र में सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन लगाने से इससे बचाव किया जा सकता है, क्योंकि यह कैंसर शरीर में एचपीवी वायरस के संपर्क में आने के 20 साल बाद कैंसर का रूप लेता है।
Anveshi India Bureau