Tuesday, January 21, 2025
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राज्यपाल ने मुविवि के कुम्भ अध्ययन कोर्स की सराहना की

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने महाकुंभ के महत्व और भव्यता से जनमानस को जागरूक करने के लिए कुम्भ अध्ययन पर 6 माह का प्रमाण पत्र कार्यक्रम तैयार किया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने आज महाकुंभ नगर में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल को कुम्भ अध्ययन से संबंधित नए प्रमाण पत्र में प्रवेश प्रारंभ करने के बारे में बताया और इससे सम्बन्धित पाठ्य सामग्री भेंट की।

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए अधिक से अधिक लोगों को इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देने के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया। ज्ञातव्य हो कि राज्यपाल श्रीमती पटेल ने मुक्त विश्वविद्यालय को निर्देशित किया था कि महाकुम्भ जैसे पुनीत अवसर पर वह अपनी नैतिक जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए अधिक से अधिक लोगों को महाकुंभ के बारे में जानकारी प्रदान करे।

कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने बताया कि राज्यपाल श्रीमती पटेल के मार्गदर्शन में इस कोर्स का निर्माण विद्वान लेखक मंडल द्वारा मात्र डेढ़ महीने में किया गया और पाठ्य सामग्री तैयार होते ही जनवरी 2025 में यह कार्यक्रम लॉन्च कर दिया गया। जिसका लाभ महाकुंभ क्षेत्र में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को मिलेगा। विश्वविद्यालय ने इससे संबंधित पाठ्य सामग्री ऑनलाइन कर दी है। इस छह महीने के सर्टिफिकेट कोर्स का लाभ देश भर में लोग उठा सकते हैं। महाकुंभ पर प्रारम्भ किया गया यह कोर्स भारत की आध्यात्मिक धरोहर को गहराई से जानने में मदद करेगा। प्रोफेसर सत्यकाम ने बताया कि इस कोर्स का उद्देश्य नई पीढ़ी को कुम्भ की महत्ता के बारे में जागरूक करना है। महाकुंभ 2025 के इस सर्टिफिकेट कोर्स में साधु-संतों के पारंपरिक शाही स्नान से जुड़ी जानकारी शामिल की गयी है। इसके अलावा महाकुंभ के दौरान आयोजित होने वाले उत्सवों और उनकी विशेषताओं को भी शामिल किया गया है। कोर्स में महाकुंभ के इतिहास का बखूबी वर्णन किया गया है। युवा पीढ़ी इस कोर्स में कुम्भ और कल्पवास के फायदे और महत्व के बारे में भी अध्ययन कर सकेगी।

विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने बताया कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के इस एकमात्र मुक्त विश्वविद्यालय ने 2019 में कुंभ पर जागरूकता पाठ्यक्रम शुरू किया था। इसमें कुम्भ की विशेषताओं के साथ-साथ योग के विषय को भी शामिल किया गया था। उन्होंने बताया कि इस कोर्स की लांचिंग के बाद विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर विजिट करने वालों की संख्या हजारों में पहुंच गई है। कुम्भ अध्ययन प्रमाण पत्र में प्रवेश लेने वालों की रुचि को देखते हुए कुलपति ने आईसीटी सेल को वेबसाइट की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया है।

 

Anveshi India Bureau

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