प्रयागराज 1 अप्रैल। श्री नव संवत्सर मानस समिति मां कल्याणी देवी मंदिर में श्री राम कथा का रसपान कराते हुए वृंदावन धाम से पधारे प्रख्यात राष्ट्र चिंतक डॉo अनिरुद्ध जी महाराज ने बताया कि चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के तट पर अपने पिता दशरथ का पिंडदान करके भगवान राम माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वहां से चलकर अत्रि मुनि के आश्रम पहुंचे। वहां प्रभु राम ने अत्रि मुनि का आशीर्वाद लिया माता सीता ऋषि पत्नी अनुसुइया से आशीर्वाद लेने के लिए उनके कुटी में गई। अनुसुइया जी ने माता सीता को आशीर्वाद दिया और विश्वकर्मा जी द्वारा बनाई गई रेशम की साड़ी और अन्य वस्त्राभूषण दिया। उन्होंने माता सीता को पति सेवा और मजबूत चरित्र बल के साथ-साथ पति सेवा का ज्ञान दिया। डॉo अनिरुद्ध जी महाराज ने बताया कि जिसके पास जो कुछ रहता है वह आगंतुक को भी वही भेंट करता है। इसीलिए सती अनुसुइया जी ने सीता माता को गुण, संस्कार और अच्छे विचारों के साथ-साथ स्त्रियों के सतीत्व गुण का बखान किया।
पूज्य व्यास डॉoअनिरुद्ध जी ने बताया कि संपूर्ण राम कथा व श्री भागवत कथा में आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा व शक्ति का ज्ञान बताया गया है। इन कथाओं से जीवन में संस्कार एवं चरित्र का सृजन होता है। संस्कार व चरित्र से जीवन संकट मुक्त हो जाता है। वास्तव में वर्तमान हमारा भौतिक विकास तो हुआ किंतु चरित्र नीचे गिर गया। इस कलियुग में चरित्र निर्माण ही श्री राम कथा की सबसे बड़ी उपयोगिता है। इसीलिए वर्तमान में भी बड़ी संख्या में लोग श्री राम कथा और श्री भागवत कथा सुनते हैं। महर्षि अत्रि मुनि से मार्गदर्शन पाकर भगवान पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण जी के साथ दंडकारण्य में स्थित सरभंग ऋषि के आश्रम पहुंचे। बीच रास्ते में भगवान राम ने विराघ नाम के बलशाली राक्षस का वध करके उसे जमीन में गाड़ दिया।
मां कल्याणी देवी मंदिर के अध्यक्ष एवं श्री नव संवत्सर मानस समिति के संयोजक पंo सुशील पाठक, मंत्री पंo अनिल कुमार पाठक, कार्यकारिणी सदस्य कृष्ण कुमार पाठक कुंवर जी टंडन, शिवबाबू त्रिपाठी आदि सहित हजारों भक्तों ने भगवान श्री राम दरबार के भव्य चित्र पर आरती करके आशीर्वाद लिया। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रतिदिन सांय 7:15 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक श्री राम कथा, प्रातः 8:00 बजे से 11:00 बजे एवं सांय 4:00 बजे से 6:30 बजे तक शतचंडी महायज्ञ, पूजन प्रातः 5:00 बजे से अपरान्ह 1:00 बजे तक एवं मां कल्याणी देवी का नित्य नूतन श्रृंगार का सायंकाल 6:00 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक दर्शन होगा। श्री प्रियांश श्रीवास्तव एवं इरा जयसवाल की ओर से प्रसाद वितरित किया गया।
Anveshi India Bureau