बसपा सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि वक्फ बिल को लेकर मुसलमानों का गुस्सा होना स्वाभाविक है। वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में लंबी चर्चा हुई। इसमें नेता प्रतिपक्ष द्वारा कुछ नहीं बोलना कितना उचित है? उन्होंने सीएए की तरह संविधान उल्लंघन का मामला होने के विपक्ष के आरोप के बावजूद चुप्पी साधे रखी। इसे लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश एवं इंडिया गठबंधन में भी बेचैनी स्वाभाविक है।
बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि वैसे भी देश में बहुजनों के हित, कल्याण एवं सरकारी नौकरी व शिक्षा आदि में इन वर्गों के आरक्षण के अधिकार को निष्प्रभावी एवं निष्क्रिय बनाकर इन्हें वंचित बनाए रखने के मामले में कांग्रेस, भाजपा आदि ये पार्टियां बराबर की दोषी हैं। धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी इनके छलावा से बचना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि इनके ऐसे रवैयों के कारण उत्तर प्रदेश में भी बहुजनों की स्थिति हर मामले में काफी बदहाल व त्रस्त है। जबकि, भाजपाइयों को कानून हाथ में लेने की छूट है। साथ ही, बिजली व अन्य सरकारी विभागों में बढ़ते हुए निजीकरण से हालात चिंताजनक हैं। सरकार को जनकल्याण का संवैधानिक दायित्व सही से निभाना चाहिए।