इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाद मित्र के रूप में प्रार्थना पत्र दाखिल कर राधा-रानी को पक्षकार बनाने की मांग की गई है। दलील दी गई कि राधा-रानी के बिना श्याम अधूरे हैं। भगवान श्रीकृष्ण इस मुकदमे के मुख्य वादी हैं। संपत्ति उनकी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाद मित्र के रूप में प्रार्थना पत्र दाखिल कर राधा-रानी को पक्षकार बनाने की मांग की गई है। दलील दी गई कि राधा-रानी के बिना श्याम अधूरे हैं। भगवान श्रीकृष्ण इस मुकदमे के मुख्य वादी हैं। संपत्ति उनकी है। संपूर्ण ब्रज मंडल व पूरे विश्व में भगवान श्रीकृष्ण बिना राधा-रानी के अपूर्ण माने जाते हैं, इसलिए भगवान श्रीकृष्ण की सभी संपत्तियों में राधा-रानी का हित निहित माना जाएगा। ऐसे में राधा-रानी को वाद में शामिल करना आवश्यक है।
विदित हो कि शूट नंबर सात में दिसंबर-2023 में राधा-रानी को पक्षकार बनाने के लिए प्रार्थना पत्र डाला गया था। वहीं, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के अधिवक्ता हरेराम त्रिपाठी ने राधा-रानी को पक्षकार बनाए जाने का विरोध किया। दलील दी कि भगवान श्रीकृष्ण लला विराजमान अवयस्क हैं। नाबालिग विग्रह के रूप में हैं। सारी संपत्ति उनकी है।
Courtsy amarujala.