प्रयागराज 4 अप्रैल। नवरात्रि के परम पावन पर्व पर श्री नव संवत्सर मानस समिति प्रयागराज द्वारा आयोजित श्री राम कथा के चौथे दिन उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए प्रख्यात राष्ट्र चिंतक व्यास डॉ अनिरुद्ध जी महाराज ने बताया कि जटायु का अंतिम संस्कार कर के प्रभु श्री राम मतंग ऋषि के आश्रम आ गए। वहां पर कबंध नाम का एक शक्तिशाली राक्षस था। कबंध राक्षस ने भगवान राम व लक्ष्मण को अपनी भुजाओं में कस लिया। प्रभु श्री राम व लक्ष्मण जी ने अपनी अपनी तलवार से उसकी एक-एक (अर्थात दोनों) भुजाएं काट डाली। तब कबंध ने भगवान राम को अपने पूर्व जन्म की कथा सुनाई। बताया कि एक बार देवताओं की सभा में संगीत कार्यक्रम चल रहा था उसमें मैं दुर्वासा ऋषि का उपहास कर दिया और दुर्वासा ऋषि ने गुस्सा होकर मुझे अगले जन्म में राक्षस होने का श्राप दे दिया। उसी से मेरी यह दशा हो गई। भगवान राम ने कबंध को समझाया कि सुनु गंधर्व कहउं मैं तोही मोहि सुहाय न ब्रह्म कर द्रोही। प्रभु राम ने उसे समझाया कि जो ब्राह्मणों की सेवा शुद्ध मन से करते हैं, भगवान ब्रह्मा शंकर और शंकर जी भी उसके अधीन हो जाते हैं।
पूज्य व्यास जी ने बताया कि कबंध का वध करके प्रभु श्री राम एवं लक्ष्मण जी शबरी के आश्रम आए। मतंग ऋषि ने शबरी का जीवन सुधार दिया। गुरु मतंग ने शबरी से कहा था कि एक दिन भगवान तुम्हारे (घर) आश्रम आएंगे और आज भगवान राम शबरी के आश्रम आ गए हैं। यही विश्वास लेकर शबरी रोज आश्रम की विशेष सफाई करके फूलों से सजावट करती और भगवान राम के आने का इंतजार करती। आज भगवान राम आ गए तो वह कहती है भगवान के आने की बात गुरु मतंग जी ने पहले ही बताया था। शबरी जी ने भगवान राम व लक्ष्मण जी को ले जाकर आश्रम में बैठाया। प्रभु को चख चख कर जूठे और मीठे बैर व कंद मूल फल खिलाकर संतुष्ट किया। संत ने भगवान प्राप्त करने का मार्ग बताया है।
श्री राम कथा में पधारे श्री नव संवत्सर मानस समिति के संरक्षक श्री कपिल मुनि करवरिया के पुत्र पं. वैभव करवरिया ने पूज्य व्यास डॉ अनिरुद्ध जी को माला पहनाकर आशीर्वाद लिया सर्वश्री अनिल कुमार पाठक कृष्ण कुमार पाठक आचार्य श्री कांत शास्त्री वरिष्ठ पत्रकार विमलेश मिश्रा अधिवक्ता कुंवर जी टंडन अधिवक्ता पवन मिश्रा समाजसेवी बद्री चौरसिया आदि ने आरती करके आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री राजेश पांडे अधिवक्ता एवं रतन जी टंडन राजेश केसरवानी ने प्रसाद वितरित किया।
Anveshi India Bureau