लखनऊ | 15 नवम्बर 2025
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय डिस्लेक्सिया एवं एडीएचडी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को लखनऊ में सफलतापूर्वक समापन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य आयुक्त दिव्यांगजन प्रो. हिमांशु शेखर झा ने कहा कि डिस्लेक्सिया से प्रभावित बच्चों की शिक्षा और अधिकारों के प्रति योगी सरकार अत्यंत संवेदनशील है तथा विभाग इन बच्चों को समान शिक्षा-अवसर दिलाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु विशेष प्रशिक्षण, अभिभावक जागरूकता, और विशिष्ट कार्ययोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के उप निदेशक डॉ. अमित राय ने बताया कि डिस्लेक्सिया जागरूकता माह के अंतर्गत आयोजित यह दो-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश के सभी 75 जिलों के चयनित अध्यापकों, विशेष शिक्षकों और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण में चेंजइंक फाउंडेशन के एसएलडी विशेषज्ञ अमरेश चंद्रा ने विशिष्ट अधिगम दिव्यांगता की पहचान, प्रमाणीकरण, तथा सहायक प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग पर विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया।
इसके अतिरिक्त संजय कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर (DSMNRU) ने डिस्लेक्सिया और एडीएचडी की परिभाषा, लक्षण एवं अनुकूल शिक्षण वातावरण निर्माण पर व्याख्यान दिया।
नागेश पाण्डेय, प्रवक्ता (CRC लखनऊ) ने कक्षा प्रबंधन और सहपाठी ट्यूटरिंग की तकनीकों पर प्रशिक्षण प्रदान किया।
दूसरे दिन के सत्रों में दीपक कुमार जायसवाल, प्रवक्ता (अध्यापक शिक्षक केंद्र, लखनऊ) ने पुनर्वास एवं हस्तक्षेप में अभिभावकों और विशेषज्ञों की भूमिका पर चर्चा की।
डॉ. स्वाती कात्याल (समृद्धि – ए लर्निंग फाउंडेशन) ने आकलन उपकरणों और बहुसंवेदी शिक्षण तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया, जबकि डॉ. मधुबाला यादव, मनोवैज्ञानिक (बचपन डे केयर सेंटर, लखनऊ) ने डिस्लेक्सिया एवं एडीएचडी वाले बच्चों के सामाजिक-भावनात्मक प्रभावों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। कार्यक्रम का समापन प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरण के साथ हुआ।



