Saharanpur News: आतंकियों से कनेक्शन के मामले में गिरफ्तार किए गए डॉ. अदील ने सहारनपुर के मानकमऊ में मकान ले रखा था। करीब तीन साल से वह यहीं रह रहा था। थाना कुतुबशेर पुलिस ने फेमस मेडिकेयर हॉस्पिटल पहुंचकर भी जांच पड़ताल की।
डॉक्टर अदील के आतंकी कनेक्शन के मामले में सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस जिले में पहुंची। टीम ने डॉक्टर के मानकमऊ स्थित मकान को खंगाला। वहीं, कुतुबशेर थाना पुलिस ने फेमस मेडिकेयर हॉस्पिटल पहुंचकर से डॉक्टर से जुड़े नेटवर्क को लेकर पूछताछ की। जांच में आया कि डॉक्टर अदील अक्सर अपने भाई के खाते में भी तनख्वाह लेता था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से संबंधों के चलते अनंतनागल निवासी डॉ. अदील अहमद को गिरफ्तार किया था। डॉक्टर पर आरोप था कि उसने श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाए थे। वह वांछित चल रहा था। पूछताछ के बाद डॉ. अदील की निशानदेही पर जम्मू-कश्मीर फरीदाबाद में भी छापा मारा।
पुलिस के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुलिस थाना कुतुबशेर क्षेत्र के मानकमऊ में पहुंची। डॉ. अदील मानकमऊ में एक निजी स्कूल के पास किराए के मकान में रहता था। करीब तीन साल सहारनपुर में रहा। वी-ब्रॉस और फेमस मेडिकेयर हॉस्पिटल में नौकरी की। फेमस मेडिकेयर हॉस्पिटल में थाना कुतुबशेर पुलिस ने डॉ. अदील की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। डॉक्टर के पुराना रिकॉर्ड खंगाला। पुलिस प्राइवेट कार से पहुंची थी।
पता चला कि डॉ. अदील अहमद ने अंबाला रोड स्थित एक्सिस बैंक में खुलवाया था। उसमें ही हॉस्पिटल की तरफ से मिलने वाली तनख्वाह जाती थी। उसकी तनख्वाह पांच लाख रुपये थी। कई बार उसके भाई के खाते में भी तनख्वाह भेजी गई। इनके अलावा एक अन्य डॉक्टर ने भी फिलहाल अस्पताल आने से मना किया है।
कुछ स्टाफ को ही डॉ. अदील ने दिया था शादी का कार्ड
आतंकी कनेक्शन निकलने के बाद हॉस्पिटल प्रशासन ने डॉ. अदील और डॉ. बाबर की नेम प्लेट को हटा दिया है। डॉ. अदील की शादी चार अक्तूबर 2025 को जम्मू-कश्मीर में हुई थी। वह 26 सितंबर को छुट्टी पर चला गया था। डॉक्टर ने हॉस्पिटल में कुछ ही स्टाफ को शादी का कार्ड दिया था। कार्ड मिलने वालों में डॉक्टर बाबर भी शामिल है। हॉस्पिटल के बोर्ड से डॉ. बाबर का नाम हटना भी संदिग्ध लग रहा है। वह भी जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है।
बोलचाल में नहीं होने दिया इरादों का आभास
फेमस मेडिकेयर हॉस्पिटल प्रबंधक मनोज मिश्रा ने बताया कि हमें कभी अहसास नहीं हुआ कि डॉ. अदील वांछित है। बोलचाल में बहुत व्यावहारिक था। जनवरी-फरवरी में फिजिशियन का पद खाली था। इसलिए एक चिकित्सक के माध्यम से डॉ. अदील से बातचीत हुई। 20 मार्च 2025 को नियुक्ति दे दी गई थी। अब सेवा समाप्त कर दी है। डॉ. बाबर रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर हैं। जब तक पुलिस-प्रशासन की तरफ से क्लीनचिट नहीं मिल जाती है, तब तक हटा दिया है।



