उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वाविद्यालय में शिक्षक दिवस के अवसर पर कुलपति ने शिक्षकों को सम्मानित किया। सरस्वती परिसर स्थित तिलक सभागार में उपस्थित सभी शिक्षकों का कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। सम्मान के क्रम में सभी प्राध्यापकों पर पुष्प वर्षा की गयी। शिक्षक दिवस के पुनीत अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापकों ने भी कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम का एन आई आर एफ रैंकिंग में तीसरा स्थान प्राप्त करने पर स्मृति चिह्न, अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ से स्वागत किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने सभी अध्यापकों से मेहनत कर विश्वविद्यालय को उन्नत शिखर पर ले जाने का आह्वान किया। कुलपति ने कहा कि गुरु हमेशा प्रकाश दिखाता है, अंधकार को मिटाता है। वह स्वयं जल कर दूसरों को प्रकाशित करता है। उन्होंने कहा कि राग, द्वेष, रंग, समुदाय की भावना से ऊपर उठकर एक शिक्षक के रूप में काम करें, एक शिक्षक के रूप में किया गया काम विश्वविद्यालय को आगे ले जाएगा। एक शिक्षक अपने कर्तव्य के दायित्व का निर्वहन करेेगा तो राष्ट्र का उत्थान होगा और 2047 में विकसित भारत का सपना साकार होगा।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी, निदेशक, मानविकी ने वर्तमान में शिक्षक की भूमिका, कर्तव्य एवं दायित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत में गुरु शिष्य परंपरा प्राचीन काल से काफी समृद्ध रही है। समारोह में शोध छात्रों ने भी कुलपति को पुष्प देकर स्वागत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर आयोजित त्रिदिवसीय खेल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को कुलपति प्रोफेसर सत्य काम ने पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर एस कुमार ने प्रारंभ में कुलपति का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डॉ आनंदानंद त्रिपाठी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर संजय सिंह ने दिया।
Anveshi India Bureau