Wednesday, July 2, 2025
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घर में मिले तीन शव: खान-पान में ही छिपा इन मौतों का राज! इस बात की जताई जा रही आशंका; रहस्यमयी मौत से सब हैरान

मृतक दुकानदार अंकित का व्यवहार बेहद मिलनसार था। वह हर दिन सुबह करीब साढ़े पांच बजे दुकान खोल देता था। उसकी मां व पत्नी भी दुकान देखती थीं। आसपास के लोग भी उनके व्यवहार से खासे खुश रहते थे। बृहस्पतिवार को जैसे ही पता चला कि अंकित, उसकी मां आशा व पत्नी रिया की रहस्यमय मौत हो गई है।

लीलापुर थाना क्षेत्र के सगरासुंदरपुर में मां और उसके बेटे-बहू की मौत का राज अभी बना हुआ है। आशंका है कि जहरीला पदार्थ खाने से जान गई। लेकिन किस खाद्य सामग्री से जहर शरीर के अंदर पहुंचा। यह स्पष्ट नहीं हो पाया। दूसरा यह कि मृतक को जहर दिया गया या फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए। फिलहाल पुलिस कई एंगल पर जांच कर रही है।

बृहस्पतिवार को पुलिस ने चार घंटे तक मकान का कोना-कोना छाना। चार टीमें पड़ताल कर रही हैं। जमीन विवाद के चलते पड़ोसी और अंकित के करीबी एक झाड़फूंक वाले पर पुलिस की नजर है। अंकित के ससुराल वालों के अनुसार पड़ोस के राजकुमार व धर्मेंद्र पटवा से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था।

धर्मेंद्र पटवा व अंकित की मां आशा देवी ने मिलकर वर्ष 2011 में जगन्नाथ से बैनामा कराया था। तीनों की मौत की खबर मिलने पर धर्मेंद्र व राजकुमार के परिवार के लोग नजर नहीं आए। हालांकि, दोपहर करीब तीन बजे पुलिस धर्मेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ करने लगी।

इसके अलावा नागापुर तिलौरी निवासी एक झाड़फूंक करने वाले व्यक्ति की भी पुलिस तलाश करती रही। सूत्रों का कहना है कि अंकित को झाड़फूंक में बहुत भरोसा था। उसके हर आयोजन में झाड़फूंक करने के लिए वह व्यक्ति पहुंच जाता था। उसकी शादी में भी वह साये की तरह मौजूद था।

रात करीब आठ बजे अंकित ने उससे दस मिनट तक बातचीत भी की थी। पुलिस टीम उसकी तलाश करने लगी तो उसकी लोकेशन गैरजनपद में मिली। बताते हैं कि पांच माह के बेटे कार्तिक के दोनों हाथ, पैर व गले में काला धागा भी झाड़फूंक करने वाले ने बंधवाया था।

हर कोई हैरत में
दुकानदार अंकित का व्यवहार बेहद मिलनसार था। वह हर दिन सुबह करीब साढ़े पांच बजे दुकान खोल देता था। उसकी मां व पत्नी भी दुकान देखती थीं। आसपास के लोग भी उनके व्यवहार से खासे खुश रहते थे। बृहस्पतिवार को जैसे ही पता चला कि अंकित, उसकी मां आशा व पत्नी रिया की रहस्यमय मौत हो गई है। हर कोई घटनास्थल की ओर भागा। देखते ही देखते आठ बजे तक सैकड़ों लोगों का हुजूम एकत्र हो गया था।

रात में खाई गई थीं मिठाई
एसपी डॉ. अनिल कुमार को बेड के करीब मिठाई का डिब्बा, मुसम्मी का जूस, आम, सब्जी, रोटी, चावल, कोल्ड ड्रिंक व खाने के बर्तन मिले, जिसमें रखी मिठाई रात में ही खाई गई थी। पड़ोसियों का कहना है कि हो सकता है किसी ने खाने या मिठाई में ही जहरीला पदार्थ मिला दिया हो। अंकित की मां आशा रोज खाना खाने के बाद अपनी मां के पास सोने नीचे चली आती थीं। बृहस्पतिवार नीचे नहीं आई। हालांकि, जांच के दौरान जहरीले पदार्थ का कोई पैकेट नहीं मिला। इससे यह भी संभावना जताई जाने लगी कि खाने के दौरान कई खाद्य सामग्री का सेवन करने से फूड प्वाइजनिंग भी हो सकती है।

बेबस निगाहों से नानी देखती रही अपनों के शव
मृतक अंकित की नानी यशोदा देवी की दीमगी हालत ठीक नहीं रहती। उन्हें संभालने के लिए बेटी आशा उनके पास ही रहती थी। वह अपनों के शवों को बेबस निगाहों से देखती रहीं। किसी के सवालों का जवाब नहीं दे सकीं। मासूम कार्तिक के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए रिश्तेदारों के साथ पुलिस लालगंज सीएचसी पहुंची। जहां चिकित्सक ओबैद अंसारी ने बच्चे के स्वास्थ्य का परीक्षण किया।

यह है मामला
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ स्थित सगरासुंदरपुर में महिला और उसके बेटे-बहू गुरुवार की सुबह घर की पहली मंजिल के कमरे में मृत पाए गए। दंपती का छह माह का बेटा मां के शव से लिपटकर रोता मिला। आशंका जताई जा रही है कि जहरीला पदार्थ खाने से जान गई है। विसरा सुरक्षित किया गया है। मामले में पड़ोसी समेत चार लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। वाराणसी-लखनऊ हाईवे के किनारे लीलापुर थाना क्षेत्र के सगरासुंदरपुर बाजार निवासी यशोदा देवी (70) ने बेटी आशा देवी (48) की शादी रायबरेली कैपरगंज निवासी रमेश कुमार पटवा के साथ की थी। पति से अलगाव के बाद आशा अपनी मां के घर पर ही रहती थीं। साथ में बेटा अंकित पटवा (26), उसकी पत्नी रिया (22) भी रहते थे, जिनका छह माह का एक पुत्र है। अंकित घर के बाहरी कमरे में जनरल स्टोर चलाता था।

बुधवार की रात आशा, अंकित, रिया और उनका बेटा पहली मंजिल पर सोने चले गए। यशोदा देवी नीचे ही सो रही थीं। बृहस्पतिवार की सुबह करीब सात बजे दूध देने वाला पहुंचा। देखा तो दुकान के शटर का कुछ हिस्सा खुला था। लेकिन कोई मौजूद नहीं था। आवाज लगाई तो भीतर से कोई जवाब नहीं मिला। उसने अंकित के पड़ोसी दोस्त अशोक जायसवाल को जानकारी दी। उन्होंने फोन किया तो भी कोई जवाब नहीं आया।

इसके बाद दोनों अंदर घुसे तो तीनों के शव बेड पर पड़े मिले। मासूम मां से लिपटकर रो रहा था। उन्होंने बाजार के लोगों को जानकारी दी। कुछ देर बाद सगरासुंदरपुर चौकी प्रभारी पहुंचे और घर की छानबीन की। मृतकों के मुंह व नाक से झाग निकल रहा था। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी डॉ. अनिल कुमार, सीओ रामसूरत सोनकर, एएसपी संजय राय फॉरेंसिक टीम लेकर मौके पर पहुंचे। घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। फॉरेंसिक टीम ने वहां से मिठाई का डिब्बा समेत अन्य संदिग्ध चीजों को कब्जे में लिया। चार लोगों पूछताछ की जा रही है। तहकीकात में पड़ोसी से जमीन के विवाद की बात भी सामने आई है।

वीडियोग्राफी के बीच शवों का पोस्टमार्टम
चिकित्सकों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच शवों का पोस्टमार्टम किया। जहरीला पदार्थ निगलने से मौत की आशंका जाहिर करते हुए विसरा सुरक्षित कर लैब भेजा। शाम को तीनों शव घर पहुंचे। पुलिस की मौजूदगी में शवों को दूसरे वाहन से अंतिम संस्कार के लिए ऋंग्वेरपुर ले जाया गया।

यह बोले जिम्मेदार

 

एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत के मामले में गहनता से छानबीन करते हुए साक्ष्य संकलित किए जा रहे हैं। परिवार व आसपास के लोगों के बयान व पीएम रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. अनिल कुमार, एसपी

 

Courtsy amarujala

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