Saturday, December 20, 2025
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एस आई आर डी मे विभिन्न विषयो पर विशेषज्ञो द्वारा दिया जा रहा है प्रशिक्षण

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में, दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब में सरकारी, अर्ध सरकारी विभागों संस्थाओं के अधिकारियों व कर्मचारियों तथा रचनात्मक कार्यों से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण देकर उन्हें अत्यधिक दक्ष और सक्षम बनाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। इसी कड़ी में, संस्थान द्वारा महानिदेशक एल० वेंकटेश्वर लू के संरक्षण व प्र0 अपर निदेशक सुबोध दीक्षित के मार्ग निर्देशन तथा प्रशासनिक नियंत्रण में संस्थान प्रांगण के अन्तर्गत दो प्रमुख प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है यथा – 15 से 17 दिसंबर तक प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों तथा सम्बन्धित अधिकारियों के कुल 91 प्रशिक्षु प्रतिभागियों हेतु, ” लर्निंग बाई डूइंग ” विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 15 से 19 दिसंबर, तक सचिव राहत आयुक्त, उ०प्र० के सहयोग से, राजस्व , पुलिस व अग्नि शमन विभाग के अधिकारियों हेतु, ” हास्पिटल आपदा प्रबंधन एवं योजना निर्माण ” विषयक पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

 

बुधवार को उक्त दोनों प्रशिक्षण कार्यक्रमो के प्रतिभागियों को संस्थान के बुद्धा सभागार में आमंत्रित करके, लर्निंग बाई डूइंग कार्यक्रम के समापन व मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम के परिप्रेक्ष्य में, संस्थान के महानिदेशक एल० वेंकटेश्वर लू की अध्यक्षता तथा विशिष्ट अतिथियों यथा – डा० किशन वीर सिंह शाक्य, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं पूर्व वरिष्ठ सदस्य लोक सेवा आयोग उ०प्र०, माधव जी तिवारी,समग्र शिक्षा, उ० प्र० तथा योगेश कुलकर्णी , निदेशक विज्ञान आश्रम की गरिमामई उपस्थिति में, प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विषयगत वार्ताकारों द्वारा अपने-अपने विषयानुक्रम बिन्दुओं पर प्रासंगिक एवं उपयोगी व्याख्यान दिए गए।

कार्यक्रम के दौरान डा० किशन वीर सिंह द्वारा प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि शिक्षा की परिभाषा को जानना जितना महत्वपूर्ण है , ठीक उसी प्रकार सम्बन्धित समालोचनात्मक चिन्तन की भी उसी अनुपात में प्रासंगिक है। डा० शाक्य ने विस्तृत रूप से शिक्षा नीति के पांचों स्तम्भों तथा फोर सीज पर विस्तृत व्याख्यान दिया। माधव जी तिवारी द्वारा अध्यापकों को विद्यार्थियों में कौशल विकास की दक्षता पर प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु अभिप्रेरित किया। योगेश कुलकर्णी ने अध्यापकों को नूतन कांसेप्ट थ्योरी तथा उपयोगी नवाचारों पर आधारित, क्रियात्मक अभ्यासों पर बल दिया।

महानिदेशक एल० वेंकटेश्वर लू द्वारा प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि प्रमाणिक जीवन शैली अपनाया जाना मनुष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। मूल तत्वों का ज्ञान होना, गुरु की सारगर्भित परिभाषा का ज्ञान होना तथा विकसित भारत के सन्दर्भ में सम्बन्धित घटकों पर विस्तृत, प्रासंगिक एवं उपयोगी व्याख्यान देने के साथ अभिप्रेरित करने के उद्देश्य से प्रतिभागियों को भगवत गीता में वर्णित कर्मयोग के सन्दर्भ उपयोगी दृष्टांतों का उल्लेख भी किया।

कार्यक्रम का संचालन डा० नवीन कुमार सिन्हा द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम के मार्ग निर्देशक एवं संस्थान के प्र0अपर निदेशक सुबोध दीक्षित द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

कार्यक्रम के आयोजन एवं प्रबंधन के दृष्टिगत संस्थान की उपनिदेशक डॉ० नीरजा गुप्ता, सरिता गुप्ता, सहायक निदेशक डा० राज किशोर यादव, डा० वरुण चतुर्वेदी, सहायक निदेशक संजय कुमार, संकाय सदस्य धर्मेन्द्र कुमार सुमन तथा मोहित यादव, प्रचार सहायक मो० शहंशाह, कम्प्यूटर आपरेटर मो० शाहरूख तथा कम्प्यूटर प्रोग्रामर उपेन्द्र कुमार दूबे का सराहनीय एवं उल्लेखनीय योगदान रहा है।

 

Anveshi India Bureau

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