Friday, October 18, 2024
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UP: कथन… तथ्य और सबूत अलग-अलग हैं तो एक ही घटना में दर्ज हो सकती है दूसरी एफआईआर; हाईकोर्ट का अहम आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले को लेकर टिप्पणी की है कि कथन, तथ्य व साक्ष्य अलग-अलग हैं, तो एक ही घटना में दूसरी एफआईआर दर्ज हो सकती है। सीजेएम मथुरा को याची की अर्जी पर नया आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक ही घटना में दूसरी एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कहा है कि एक ही घटना में दो एफआईआर नहीं दर्ज की जा सकती है। लेकिन उसी के दो भिन्न कथन, तथ्य व सबूत के खुलासों के साथ शिकायत की गई हो तो दूसरी एफआईआर दर्ज की जा सकती है।

कोर्ट ने सीजेएम मथुरा को याची की धारा 156(3) की अर्जी पर नया आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने यह आदेश संगीता मिश्रा की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

मथुरा निवासी याची संगीता मिश्रा के पति की मृत्यु हो गई थी। पुलिस ने याची को ही आरोपी बनाते हुए चार्जशीट दाखिल कर जेल भेज दिया। याची जेल से बाहर आई तो उसने धारा 156(3) के तहत कोर्ट में हत्या की उसी घटना की एफआईआर दर्ज करने के लिए अर्जी दी। मजिस्ट्रेट ने अर्जी को निरस्त कर दिया। इसके खिलाफ पुनरीक्षण अर्जी भी निरस्त कर दी गई। याची ने दोनों आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी।

याची की शिकायत पर पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

याची के वकील ने दलील दी कि याची व उसके पति की जानकारी के बगैर याची के ससुर ने अपनी संपत्ति का बेटों में बंटवारा कर दिया। इस पर भाइयों में विवाद हुआ। तीन मई 2020 को पति के भाई आए और उन्हें अपने साथ ले गए। इसके बाद याची के पति लौटे नहीं। याची ने लापता होने की थाने में शिकायत भी की। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में पुलिस ने याची को ही पति की हत्या का आरोपी बनाकर एफआईआर दर्ज कर दी।

कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद कहा एक ही घटना की दो एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती। लेकिन, उसी घटना के दो भिन्न कथन, तथ्य व सबूत के खुलासों के साथ शिकायत की गई हो तो एक ही घटना की दूसरी एफआईआर दर्ज की जा सकती है।

 

 

Courtsy amarujala.com

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