आईटीआई और सेवायोजन के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 2003 में योजना बनी। प्रधानाचार्यों और क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारियों को तत्कालीन निदेशक डाॅ. गुरुदीप सिंह और अपर निदेशक दीपक कुमार ने भर्ती की अनुमति दे दी।
प्रदेश भर की औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) और सेवायोजन कार्यालयों में समूह ग और घ के 438 पदों पर हुई नियुक्ति को अनियमित बताकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। आरोप है कि अनियमित नियुक्ति के बाद प्रमोशन भी कर दिया गया है।
आईटीआई और सेवायोजन के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 2003 में योजना बनी। प्रधानाचार्यों और क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारियों को तत्कालीन निदेशक डाॅ. गुरुदीप सिंह और अपर निदेशक दीपक कुमार ने भर्ती की अनुमति दे दी। 2003 से 2006 से प्रदेश भर में भर्ती हुई। अधिकतर आईटीआई और सेवायोजन कार्यालयों में बिना विज्ञापन निकाले और मानक के विपरीत अपने सगे संबंधियों की नियुक्ति कर कर ली गई।
हाईकोर्ट में 18 अक्तूबर को याचिका दाखिल करने वाले प्रतापगढ़ आईटीआई में तैनात वरिष्ठ लिपिक सुनील गुप्ता के मुताबिक, बरेली में बिना पद के ही 13 नियुक्ति कर ली गई। ऐसे ही लखीमपुर खीरी में तीन पदों के सापेक्ष 11 की नियुक्ति कर ली गई। मथुरा में दो पद के सापेक्ष चार, मिर्जापुर में दो पद के सापेक्ष तीन और प्रयागराज में एक पद के सापेक्ष तीन नियुक्ति की गई थी।
वेतन पर खर्च हो रहे करोड़ों रुपये
विभागीय जांच में इनपर लगे थे अनियमित नियुक्ति के आरोप
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