Tuesday, March 11, 2025
spot_img
HomePrayagrajUP: मऊआइमा की बंद पड़ी कताई मिल सहित यूपी के छह मिलों...

UP: मऊआइमा की बंद पड़ी कताई मिल सहित यूपी के छह मिलों की भूमि यूपीसीडा को होगी स्थानांतरित, सरकार ने लगाई मुहर

उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की करीब दो दशक से बंद पड़ी आधा दर्जन कताई मिलों की 451.20 एकड़ भूमि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को हस्तांतरित की जाएगी।

उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की करीब दो दशक से बंद पड़ी आधा दर्जन कताई मिलों की 451.20 एकड़ भूमि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को हस्तांतरित की जाएगी। इसमें मऊआइमा प्रयागराज कताई मिल की 85.24 एकड़, महमूदाबाद सीतापुर की 71.02 एकड़, फतेहपुर की 55.31 एकड़, बहादुरपुर गाजीपुर की 78.92, कंपिल फर्रुखाबाद की 82.15 एकड़ और बुलंदशहर कताई मिल की 78.56 एकड़ भूमि यूपीसीडा को हस्तांतरित की जाएगी। सोमवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित मंत्री परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी।

यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश की पहचान जहां एक बीमारू राज्य के रूप में थी। वहीं आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश निवेश का प्रमुख गंतत्व एवं देश का ग्रोथ इंजन बन कर उभरा है। असीम संभावनाओं के प्रदेश उत्तर प्रदेश में निवेशक निवेश के लिए स्वयं आगे आ रहे हैं। जिन्हें उद्योगों को स्थापित करने के लिए भूमि देना और युवाओं के लिए रोजगार सृजित करना सरकारी की प्राथमिकताओं में है।

निवेश की संभावनाओं के साथ ही निवेशकों की मांग को देखते हुए स्टेट यार्न कम्पनी लिमिटेड, स्पिनिंग कम्पनी लिमिटेड, राज्य वस्त्र निगम और सहकारी कताई मिल्स संघ की बंद पड़ी मिलों की निष्प्रयोज्य भूमि को उपयोग में लाने, यूपीसीडा को सौंपने और वहां नए उद्योग स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को समीक्षा बैठकों में दिए गए थे।

मंत्री नंदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की बंद पड़ी कताई मिलों पर सरकारी देननदारी व अन्य मदों के रूप में करीब डेढ़ अरब का बकाया था। जिसे समाप्त करने के लिए दिसंबर 2024 में 150 करोड़ की धनराशि जारी करने का आदेश प्रदेश सरकार की ओर से दिया गया था। जिसमें कताई मिलों के अंशधारकों को 88 लाख रुपये, बंद कताई मिलों के स्टोर एवं कच्चे माल की खरीद का बकाया, सिक्योरिटी डिपॉजिट एवं अन्य मदों के बकाया पर 25507 लाख रुपये का खर्च शामिल था। देनदारी की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अब बंद पड़ी कताई मिलों के हस्तांतरण के साथ ही नए उद्योग लगाने का रास्ता साफ हो गया है।

 

 

 

 

Courtsy amarujala.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments