यूपी लोक सेवा आयोग की 27 जुलाई को होने वाली आरओ-एआरओ परीक्षा के लिए आयोग ने कमर कस ली है। 10 लाख से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा के लिए पंजीकृत हैं। एक साथ इतने छात्रों की परीक्षा कराना बड़ी चुनौती है। इसके लिए आयोग ने सरकारी, वित्तपोषित कॉलेजों के साथ ही सीबीएसई और आईसीएसई विद्यालयों को भी परीक्षा केंद्र बनाने का फैसला किया है।
समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 के लिए सीबीएसई व आईसीएसई के प्रतिष्ठित स्कूलों को भी परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के प्रस्ताव पर शासन स्तर से केंद्र निर्धारण नीति में संशोधन किया जा रहा है। जून-2024 में जारी गाइडलाइन में केंद्र निर्धारण नीति को काफी सख्त कर दिया गया था और यह प्रावधान किया गया था कि पांच लाख या इससे अधिक अभ्यर्थी होने की स्थिति में परीक्षा एक से अधिक दिनों में कई पालियों में कराई जाएगी।
आयोग ने इसके तहत पीसीएस व आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन में कराने का निर्णय लिया, तो इसका व्यापक विरोध हुआ। ऐसे में शासन ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए केंद्र निर्धारण नीति को शिथिल कर दिया। इसके बाद पीसीएस प्री-2024 के लिए पंजीकृत 5,76,154 अभ्यर्थियों के लिए एक दिन में परीक्षा कराने के लिए प्रदेश के सभी 75 जिलों में 1331 केंद्रों की व्यवस्था कर ली गई थी।
पीसीएस परीक्षा में पहली बार विश्वविद्यालयों व राजकीय महाविद्यालयों को भी केंद्र बनाया गया था, लेकिन किसी भी निजी विद्यालय को केंद्र नहीं बनाया गया। आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 के लिए 10,76,004 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं, जिनकी संख्या पीसीएस अभ्यर्थियों के मुकाबले काफी अधिक है। आयोग पर यह परीक्षा भी एक दिन में कराने का दबाव था।
आयोग के सूत्रों का कहना है कि परीक्षा पर निर्णय लेने के लिए गठित समिति ने सिफारिश की थी कि अगर सीबीएसई व आईसीएसई के निजी प्रतिष्ठित स्कूलों को भी परीक्षा केंद्र बना दिया जाए तो आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराई जा सकती है। आयोग ने यह प्रस्ताव शासन को भेजा और इसी आधार पर अब केंद्र निर्धारण नीति में संशोधन किया जा रहा है। यही वजह है कि आयोग ने आरओ/एआरओ के 411 पदों पर भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने का निर्णय लिया है। परीक्षा 27 जुलाई 2025 को प्रस्तावित है। अब इस परीक्षा के लिए सरकारी व एडेड विद्यालयों के साथ विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और सीबीएसई व आईसीएसई के प्रतिष्ठित स्कूलों को भी केंद्र बनाया जाएगा।
पुनर्परीक्षा का सफल आयोजन बड़ी चुनौती
11 फरवरी 2024 को हुई आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 पेपर लीक होने के कारण निरस्त कर दी गई थी, जो अब 27 जुलाई को पुन: कराई जाएगी। 11 फरवरी को यह परीक्षा प्रदेश में 58 जिलों के 2,387 केंद्रों में आयोजित की गई थी। इस बार सभी 75 जिलों में केंद्र बनाए जाएंगे, ऐसे में आयोग को प्रश्नपत्रों की सुरक्षा व परीक्षा पर निगरानी का दायरा बढ़ाना होगा, सो पुनर्परीक्षा का सफल आयोजन यूपीपीएससी के लिए बड़ी चुनौती होगा।
Courtsy amarujala.