केंद्र निर्धारण से लेकर पेपर छपवाए जाने तक नए आयोग को शासन की उसी गाइडलाइन के अनुरूप आगे बढ़ना होगा, जिसके तहत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग एवं अन्य भर्ती संस्थाओं की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। शिक्षा सेवा चयन आयोग की दो बड़ी भर्तियां दो साल से लंबित हैं।
भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए शासन की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुरूप उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को भी भर्ती परीक्षाएं करानी होंगी। इसके लिए आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी वजह से आयोग की लंबित भर्तियों की परीक्षा तिथि घोषित होने में देर हो रही है।
अभ्यर्थियों को इन दोनाें भर्ती परीक्षाओं की तिथियां घोषित होने का इंतजार है। शासन की गाइडलाइन में केंद्र निर्धारण को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि पांच लाख से अधिक अभ्यर्थी होने पर कई पालियों में परीक्षा कराई जाएगी। टीजीटी/पीजीटी परीक्षा के लिए 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। ऐसे में नए आयोग को टीजीटी/पीजीटी परीक्षा कई पालियों में करानी होगी और इसके लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता पड़ेगी।
वहीं, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के लिए 1.14 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। इस परीक्षा के लिए केंद्र और पाली निर्धारण को लेकर ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी, लेकिन गाइडलाइन में शामिल अन्य प्रावधानों का पालन तो करना ही होगा। जैसे प्रश्न पत्र दो प्रिंटिंग प्रेसों में अलग-अलग छपवाए जाएंगे। इनमें से कौन सा प्रश्न पत्र वितरित किया जाएगा, यह परीक्षा शुरू होने से पांच घंटे पहले तय होगा। प्रश्न पत्रों को अतिरिक्त सुरक्षा के लिए लोहे के बक्से में रखा जाएगा।
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