Tuesday, September 16, 2025
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UPSC Topper शक्ति दुबे ने कहा : सब्र करो सब होगा, बस थोड़ा वक्त लगेगा, कभी नहीं सोचा था कि पहली रैंक आएगी

‘इमारत तो काफी पुरानी है, इसे गिराकर नई बनाने में वक्त लगेगा। किस्से तो कई संभाल कर रखे हैं, उनको कहानी बनाने में वक्त लगेगा। सब्र करो सब होगा, बस थोड़ा वक्त लगेगा।’ सिविल सेवा परीक्षा-2024 की टॉपर शक्ति दुबे की यह कविता उन्हीं के संघर्षों और जीवटता को बयां करती है।

‘इमारत तो काफी पुरानी है, इसे गिराकर नई बनाने में वक्त लगेगा। किस्से तो कई संभाल कर रखे हैं, उनको कहानी बनाने में वक्त लगेगा। सब्र करो सब होगा, बस थोड़ा वक्त लगेगा।’ सिविल सेवा परीक्षा-2024 की टॉपर शक्ति दुबे की यह कविता उन्हीं के संघर्षों और जीवटता को बयां करती है। शक्ति ने इंटरव्यू में भी अपनी यही कविता सुनाई थी।

खाली वक्त में अपनी ही कविताओं से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने वाली प्रयागराज की बेटी शक्ति दुबे को सात साल की तैयारी और पांच प्रयासों के बाद शानदार सफलता मिली। सिविल सेवा परीक्षा में ओवरऑल टॉपर शक्ति बुधवार को अपने घर लौटने के बाद मीडिया से मुखातिब हुईं और बताया कि बिना तैयारी के पहला प्रयास किया, सो चयन की उम्मीद नहीं थी।

बाद में तैयारी के लिए कोचिंग की मदद ली और सेल्फ स्टडी भी की। तीसरे प्रयास में पूरी तैयारी के साथ परीक्षा में शामिल हुई। निराशा हाथ लगी तो गलतियों पर काम किया और आखिर सफलता मिली। हालांकि, उन्होंने सोचा नहीं था कि पहली रैंक आएगी। जब रिजल्ट देखा तो सबसे पहले अपने पिता को फोन किया। यह सुनकर शक्ति के पिता देवेंद्र दुबे कुछ देर के लिए चुप हो गए और फोन शक्ति की मां प्रेमा देवी को दे दिया।

दस मिनट बाद फिर से फोन आया और पिता ने कहा कि दोबारा बताओ क्या हुआ। अपनी मां के काफी नजदीक रहीं शक्ति कहती हैं कि हम जानते हैं कि हमारे पीछे कितनी मेहनत लगी थी। मां ने अकेले सबकुछ किया। शक्ति ने कहा कि उनके पिता ने भी हमेशा प्रोत्साहित किया। यहां तक कि यह सपना भी उनका ही था, जो मैंने कड़ी मेहनत से पूरा किया।

 

कश्मीर में हम मजबूती से करेंगे वापसी

कश्मीर पर हुई आतंकवादी घटना पर शक्ति दुबे ने कहा कि आतंकवाद हमेशा से ही भारत के लिए एक बड़ा मुद्दा रहा है। खासतौर पर पाकिस्तान के मामले में सीमापार से आतंकवाद, जिससे निपटने के लिए भारत सरकार पर्याप्त कदम उठा रही है। मुझे विश्वास है कि हम मजबूती से वापसी करेंगे।

सफलता के लिए यूपीएससी के पैटर्न को समझना जरूरी

प्रयागराज के प्रतियोगियों को सफलता का मंत्र देते हुए शक्ति दुबे ने कहा कि सबसे पहले यूपीएससी के पैटर्न को समझना जरूरी है। एनसीईआरटी की पुस्तकें, सिलबेस और पिछले साल आए प्रश्नपत्रों को साथ लेकर संतुुलित तरीके से चलेंगे तो बेहतर तैयारी होगी। प्रतियोगियों को सलाह दी कि अपनी गलतियों से लगातार सीखें और सुधार करें। असफलता पर यह न सोचें की सफर पूरा हुआ, बल्कि मजबूती से आगे बढ़ें।

 

इंटरव्यू में हुआ मुद्दों के प्रति समझ का परीक्षण

शक्ति दुबे ने बताया कि इस बार इंटरव्यू में ऐसे सवाल अधिक पूछे गए, जिनमें किसी मुद्दे पर आपको अपनी राय व्यक्त करनी थी। हम समाज को कितना समझते और जानते हैं, इसका परीक्षण भी हुआ। पिछली बार के मुकाबले इस बार इंटरव्यू में अधिक संतुलित सवाल पूछे गए। तैयारी की समयावधि को लेकर कहा कि आमतौर पर आठ से 10 घंटे पढ़ाई में व्यतीत करती थी और परीक्षा के वक्त कभी-कभी 12 से 14 घंटे भी लग जाते थे।

हिंदी माध्यम वालों को भी बराबर का मौका

सिविल सेवा परीक्षा में क्या हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों को कम मौका मिलता है, इस सवाल के जवाब में शक्ति ने कहा कि परीक्षा में हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों का भी चयन होता है। उन्हें लगता है कि अंग्रेजी व हिंदी माध्यम वालों को बराबरी का मौका मिलता है।

 

 

Courtsy amarujala

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