Varanasi Alert: देव दीपावली के दिन अस्सी-भदैनी मार्ग को सुरक्षा के तहत एक्स जोन में रखा गया था। कई वीवीआईपी को सुरक्षा कारणों से वाराणसी जाने से रोका गया था।
Varanasi News: दिल्ली में ब्लास्ट की घटना के बाद एनआईए की जांच में सामने आया कि वाराणसी भी निशाने पर था। देव दीपावली पर आतंकी हमले की साजिश का इनपुट मिलने के बाद से ही केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय थीं। एनआईए की टीम दो दिनों तक वाराणसी में डेरा डाले रही।
गंगा घाटों पर नो फ्लाई जोन घोषित था। लालकिला ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के आधार पर प्राप्त इनपुट के बाद से सुरक्षा और भी तगड़ी कर दी गई है। आतंकियों के माड्यूल में वाराणसी के प्रमुख मंदिर और गंगा घाट थे। ब्लाट की घटना ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं।
आतंकी हमले झेल चुकी काशी में देव दीपावली के दौरान घाटों पर शांति व्यवस्था में खलल पैदा करने के मंसूबे को सुरक्षा एजेंसियों ने पूर्व में भी भांप लिया था। एनआईए, एटीएस और आईबी, एलआईयू समेत अन्य एजेंसियों ने देव दीपावली के दौरान काफी इनपुट जुटाए। यही कारण रहा कि देव दीपावली के बाद एनएसजी ने गंगा में पूर्वाभ्यास भी किया था।
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इनपुट पूर्व में मिला था, इसलिए ही एनआईए की एक टीम काशी में पहुंच चुकी थी। नमो घाट से लेकर सामनेघाट पुल तक एनआईए और अन्य एजेंसियों ने सुरक्षा तैयारियों को देखी थी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा भी उस समय तगड़ी की गई थी। गंगा में चलने वाले नाव और अन्य पर्यटकों की सूची भी सुरक्षा एजेंसियों ने पूर्व में ले ली थी।
घाटों पर टीथर्ड ड्रोन की विशेष तैनाती रही, जो कि 400 मीटर की ऊंचाई से चार किमी के दायरे में 24 घंटे सतर्क रहे। इस विशेष व्यवस्था के तहत बाहरी कोई भी ड्रोन आकाश में उड़ नहीं सका। बिना अनुमति वाले ड्रोन उड़ते ही गंगा में समा गए। हालांकि बिना किसी शोर के शांति से देव दीपावली जैसे आयोजन को निपटाया गया। कहीं कोई खलल नहीं पड़ा।
संकटमोचन, कचहरी, शीतला घाट और कैंट स्टेशन पर हो चुका है ब्लास्ट
काशी में आतंकी हमले पूर्व में हो चुके हैं। सिलसिलेवार बम ब्लास्ट को याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं। उस समय 18 लोग मारे गए थे और 100 से अधिक लोगाें का अंग भंग हो गया था। 7 मार्च 2006 संकटमोचन मंदिर, शीतला घाट, कचहरी और कैंट स्टेशन पर धमाके हुए थे।
बनारस बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि कचहरी की सुरक्षा अभी और पुख्ता करने की जरूरत है। अधिवक्ता विकास सिंह ने बताया कि डोर फ्रेम लगाया गया है लेकिन कचहरी में इतने रास्ते हैं कि उस डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर को कोई मतलब नहीं है।
रेलवे स्टेशन पर लगेज और पार्सल स्कैनर पर बढ़ी निगरानी
दिल्ली में आतंकी घटना के बाद रेलवे स्टेशनों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान जगह-जगह बैग में सामान लेकर बैठे लोगों की तलाशी लेने के साथ ही पूछताछ भी बढ़ा दी गई है। आरपीएफ के जवान लोगों से सामानों की जांच मशीन पर करवाने के बाद ही प्लेटफॉर्म पर जाने की अपील कर रहे हैं। बुधवार को इसी तरह का नजारा कैंट, वाराणसी सिटी और बनारस रेलवे स्टेशन पर दिखा।
कैंट और बनारस स्टेशन पर यात्रियों के सामान की स्कैनर की सुविधा है। यहां आरपीएफ टीम सामानों को स्कैन करती नजर आई। दूसरी ओर बनारस स्टेशन पर पार्सल स्कैन करने की कोई सुविधा नहीं है, पार्सल का काम देखने वाली कंपनी के लोग सामान का मिलान करने के बाद उसको ट्रेन की पार्सल बोगी में रखवा देते हैं।
कैंट रेलवे स्टेशन पर पार्सल के लिए छोटे पार्सल को स्कैन करने की सुविधा है लेकिन बहुत बड़े सामानों के स्कैन की कोई सुविधा फिलहाल नहीं है। इसको देखते हुए ही पार्सल घर पर आरपीएफ टीम की निगरानी बढ़ाई गई है।
कैंट स्टेशन के आरपीएफ इंस्पेक्टर संदीप यादव का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए प्लेटफॉर्म नंबर एक पर जाने वाले रास्ते पर बैग स्कैनर पॉइंट पर दो आरपीएफ जवानों को लगाया गया है। बाहर से अंदर जाने वाले सभी यात्रियों के सामानों की जांच के बाद ही अंदर भेजा जा रहा है। पार्सल घर पर भी पहले की तुलना में मुस्तैदी बढ़ाई गई है।
गंगा आरती के दाैरान दी दिल्ली ब्लास्ट के मृतकों को श्रद्धांजलि
दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए लोगों को दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति की मां गंगा आरती के पूर्व श्रद्धांजलि दी गई। समिति के अध्यक्ष किशोरी रमण दुबे के नेतृत्व में श्रद्धालुओं ने मां गंगा में दीपदान कर दो मिनट का मौन रखा और दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने देश में शांति, एकता और सुरक्षा की प्रार्थना की। सभी ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया।