प्रयागराज। गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक हिंदी और उर्दू साहित्यकारों ने अपने सुर और भावनाओं को सुरों में पिरोया। विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत की उर्दू शाखा ‘बज़्म-ए-अहबाब’ की ओर से करेली स्थित अदब घर में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा आयोजित हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता एमए हसीन, मुख्य अतिथि पूर्व अपर महाधिवक्ता कमरुल हसन सिद्दीकी और विशिष्ट अतिथियों में अशरफ अली बेग, असरार नियाजी एवं डॉ. राहुल शुक्ल ‘साहिल’ रहे।
डॉ• राहुल शुक्ल ‘साहिल’ ने प्रेम और आत्मीयता की गहराईयों से पेश किया कि ‘मन की बगिया में फूल खिल गया कोई, दिल की बात कहने को मिल गया कोई। संध्या कनौजिया की पंक्तियाँ दोस्ती की अनूठी मिसाल पेश किया ‘कि हमसे दूर हो जाने के बाद भी, ढूंढा भी तो तुमने कुछ हम सा ही’। संचालन अधिवक्ता बख्तियार यूसुफ ने किया। कवि एवं शायरों में फरमूद इलाहाबादी, शाकिर हुसैन तशना, असद गाजीपुरी, तलत महमूद, डॉ. प्रदीप कुमार चित्रांशी, ईश्वर शरण शुक्ल, सुहैल अख्तर, संध्या कनौजिया, अब्दुल रहमान शारिक, प्रकाश सिंह ‘अश्क’, सेलाल इलाहाबादी, अदनान, असलम इलाहाबादी एवं एडवोकेट पाण्डेय शामिल हुए। सहयोग साकिब सिद्दीकी का रहा।
Anveshi India Bureau