बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय की यात्रा किसी रोलर कोस्टर से काम नहीं रही है। उन्होंने अपने करियर में सबसे ऊंचा शिखर और सबसे नीचे का स्तर भी देखा है। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री में उन्हें ट्रोलिंग, सार्वजनिक अपमान और पेशेवर तोड़फोड़ का सामना करना पड़ा था। इस कारण सिनेमा की दुनिया में काम करना थोड़ा मुश्किल रहा है।
लोग बुरे समय की अवधि को देखते हैं
विवेक ओबेरॉय ने बातचीत के दौरान खुलासा किया था उनके लिए एक्टिंग से हट कर बिजनेस में शिफ्ट होने के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि लोग अपने बुरे समय की अवधि को देखते हैं। वह देखते हैं कि बुरा समय कितनी देर के लिए आता है। यह नहीं देखते कि इसे अच्छी तरह से कैसे गुजारा जाए। जब वह बुरा समय जल्दी बीत जाता है तो हम उसे भूल जाता है।
अंडरवर्ल्ड से आ रही थीं धमकियां
विवेक ने बातचीत के दौरान कहा, ‘मेरे मामले में, तीव्रता बहुत अधिक थी। मुझे ट्रोलिंग, सार्वजनिक अपमान का सामना करना पड़ा। प्रोजेक्ट साइन करने के बाद मुझसे छीन लिए गए, क्योंकि लॉबी की शक्तियां बहुत मजबूत थी’। विवेक ने कहा, ‘इस दौरान अंडरवर्ल्ड का भी शामिल होना, धमकियां आना शामिल था। साथ ही मुंबई पुलिस मुझे पुलिस और एक गार्ड दिया था। इस दौरान जब उनके पास एक सशस्त्र गार्ड था तो वे ठीक थे, लेकिन वे हमेशा अपनी मां, बहन और पिता की सुरक्षा के बारे में चिंतित रहते थे’। इससे हमारे काम पर भी असर पड़ता था। इस कारण से ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है।
जब फिल्में नहीं थीं तो बिजनेस ही काम आया
बातचीत के दौरान विवेक ने यह भी साझा किया कि जब उनके फिल्मी करियर में चुनौतियां आईं तो, उनकी उद्यमशीलता ही काम आई। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगा कि मैं अपने दम पर कुछ कर सकता हूं और मुझे विश्वास है कि मैं सक्षम हूं। यहीं से मेरी यात्रा फिर से शुरू हुई।’ विवेक ने बताया था कि उन्होंने एक टेक कंपनी की स्थापना की थी और मुनाफे के लिए उसे एमएनसी को बेच दिया था।
Courtsy amarujala.com