स्वरूपरानी अस्पताल (एसआरएन) के नेफ्रोलॉजी विभाग में वर्ल्ड किडनी डे आज मनाया गया।
कार्यक्रम में मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा, उप-प्रधानाचार्य डॉ. मोहित जैन, विभागाध्यक्ष गुर्दा रोग विभाग डॉ. अरविंद गुप्ता, विभागाध्यक्ष यूरोलॉजी डॉ. दिलीप चौरसिया, विभागाध्यक्ष मेडिसिन विभाग डॉ. पूनम गुप्ता, डॉ. मनोज माथुर, डॉ. अजीत चौरसिया, डॉ. अनुभा श्रीवास्तव, न्यूरोसर्जरी विभाग से डॉ. एसडी पांडेय, डॉ. एनएन गोपाल शामिल रहे। संचालन डॉ. संतोष कुमार मौर्य एवं डॉ. सौम्या गुप्ता ने किया।
बीते 8-10 वर्षों में किडनी संबंधी बीमारियाँ तेजी से बढ़ी हैं। किडनी रोगों के प्रमुख कारणों में से 80% मामलों की जड़ डायबिटीज (शुगर), हाई ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) और मोटापा है। यह सभी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ हैं, जिन्हें सही जीवनशैली अपनाकर रोका जा सकता है लेकिन आम लोगों में इस विषय पर जागरूकता की कमी है।
इसी जागरूकता की कमी को दूर करने के लिए हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाता है।
हर वर्ष इसकी एक विशेष थीम होती है। इस बार की थीम थी – “क्या आपके गुर्दे स्वस्थ हैं। भारत की 146 करोड़ की जनसंख्या में से 10 करोड़ लोग डायबिटीज और 40 करोड़ लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं।डायबिटीज के आधे मरीज किडनी की बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं। किडनी पर असर पड़ने के शुरुआती लक्षण पता नहीं चलते, और जब तक लक्षण दिखाई देते हैं, तब तक किडनी 80% तक खराब हो चुकी होती है इसलिए यदि किसी को शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, किडनी में पथरी, बार-बार पेशाब आना, पेशाब में झाग आना या रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना जैसी समस्याएँ हों, तो उन्हें अपनी किडनी की जाँच अवश्य करवानी चाहिए। सिर्फ तीन आसान टेस्ट से किडनी के स्वास्थ्य का पता लगाया जा सकता है जो यूरिन टेस्ट,सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट और पेट का अल्ट्रासाउंड है। अपनी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए समय-समय पर इन जाँचों को करवाना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत ज़रूरी है।
Anveshi India Bureau