किन्नर अखाड़ा का घर वापसी अभियान व्यापक स्तर पर जारी है। मुम्बई की 45 वर्षीय यहूदी ट्रांसजेंडर ईशा बेंजामिन किन्नर अखाड़ा में शामिल हो गयी है। उनको तीर्थराज प्रयागराज के महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा में महंत के पद पर पट्टाभिषेक कर महंत बनाया जाएगा। ईशा के पिता यहूदी और माता हिन्दू थी । ईशा पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वह अमेरिकन बैंक एफआईएस कंपनी में कार्यरत हैं। ईश का कहना है कि माता के हिन्दू होने की वजह से सनातन धर्म की ओर शुरू से झुकाव था। सनातन धर्म के बारे में मां से बहुत कुछ सीखा और जाना था। ईशा ने बताया कि वह करीब तीन वर्ष से किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज के संपर्क में आयी है तब से सनातन धर्म के बारे में बहुत कुछ जानकारी हुई है और सीख भी रही हूं। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म में आकर उसको मजबूत करते हुए प्रचार प्रसार करना है। सभी नियमों को मानना है।
किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज का कहना है कि ईशा शिक्षित हैं। वह सनातन धर्म के बारे में बहुत कुछ जानती है। ऐसे में ईशा के सनातन धर्म में आने से सनातन धर्म को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में ईशा बेंजामिन को किन्नर अखाड़ा का महंत बनाया जाएगा। जगद्गुरु स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य जी महराज श्रृंगवेरपुर धाम ने किन्नर अखाड़ा की पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि आज सनातन धर्म को मजबूती और प्रचार प्रसार की जरूरत है इसके लिए किन्नर अखाड़ा की पहल सराहनीय और प्रशंसनीय है। जगद्गुरु स्वामी शांडिल्य जी महराज ने बताया कि किन्नर अखाड़ा सनातन धर्म के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है जो प्रशंसनीय है। इस दौरान उप्र किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और उप्र किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि (टीना मां), महामंडलेश्वर स्वामी पवित्रा नंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी गायत्री नंद गिरि, समाजसेवी राजीव कुमार मिश्र, प्रधानाचार्य डा हरिप्रकाश यादव सहित अन्य प्रमुख लोग थे।
Anveshi India Bureau