Wednesday, November 13, 2024
spot_img
HomeUttar Pradeshयूपी: अब डीजीपी की सीधे नियुक्ति कर सकेगी राज्य सरकार, कैबिनेट ने...

यूपी: अब डीजीपी की सीधे नियुक्ति कर सकेगी राज्य सरकार, कैबिनेट ने नियुक्ति नियमावली 2024 को दी मंजूरी

UP DGP: यूपी के डीजीपी की नियुक्ति अब सीधे राज्य सरकार कर सकेगी। डीजीपी, यूपी (उप्र के पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024 को योगी कैबिनेट ने मंजूदी प्रदान कर दी है।

प्रदेश में अब डीजीपी की नियुक्ति राज्य सरकार के स्तर से ही हो सकेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट ने इस बाबत पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश के पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024 को मंजूरी प्रदान कर दी। इसमें हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में मनोनयन समिति गठित करने का प्राविधान किया गया है। वहीं डीजीपी का न्यूनतम कार्यकाल दो वर्ष निर्धारित किया गया है।

मनोनयन समिति में मुख्य सचिव, संघ लोक सेवा आयोग द्वारा नामित अधिकारी, उप्र लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या नामित अधिकारी, अपर मुख्य सचिव गृह, बतौर डीजीपी कार्य कर चुके एक सेवानिवृत्त डीजीपी सदस्य होंगे। इस नियमावली का उद्देश्य डीजीपी के पद पर उपयुक्त व्यक्ति की नियुक्ति के चयन के लिए स्वतंत्र एवं पारदर्शी तंत्र स्थापित करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसका चयन राजनीतिक या कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त है। साथ ही प्रदेश की विशिष्ट दशाओं तथा पुलिसिंग आवश्कताओं के अनुरूप भी है। डीजीपी का चयन राज्य सरकार द्वारा पुलिस बल का नेतृत्व करने के लिए उनकी सेवा अवधि, सामान्यत: बहुत अच्छे सेवा रिकॉर्ड और अनुभव की सीमा के आधार पर किया जाना प्राविधानित किया गया है। मनोनयन समिति उन अधिकारियों के नाम पर विचार करेगी, जिनकी सेवानिवृत्ति में छह माह से अधिक शेष है। केवल उन नामों पर ही विचार किया जाएगा, जो वेतन मैट्रिक्स के स्तर 16 में डीजीपी के पद पर कार्यरत हैं।

हटाने का भी अधिकार
डीजीपी को पद से हटाने से संबंधित प्राविधानों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है। किसी आपराधिक मामले में या भ्रष्टाचार के मामले में, या यदि वह अन्यथा अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन करने में विफल है, तो राज्य सरकार द्वारा उन्हें दो वर्ष की अवधि पूरी होने से पहले जिम्मेदारियों से मुक्त किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी पालन
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2006 में पुलिस सुधारों को लेकर दायर याचिका पर पारित निर्णय एवं आदेश के मुताबिक राज्य सरकारों से एक नवीन पुलिस अधिनियम बनाने की आशा की गई थी, ताकि पुलिस व्यवस्था को किसी भी दबाव से मुक्त रखा जा सके। साथ ही नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के साथ विधि का शासन स्थापित किया जा सके।

अवमानना पर देना था जवाब

UP: Now the state government will be able to directly appoint DGP, Cabinet approved the Appointment Rules 2024
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों डीजीपी की नियुक्ति करने पर 8 राज्यों का अवमानना का नोटिस जारी किया था। इसमें यूपी भी शामिल था। दरअसल, यूपी में बीते ढाई साल में लगातार कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती की जा रही है। मुकुल गोयल को डीजीपी के पद से हटाने के बाद संघ लोक सेवा आयोग में नये डीजीपी के चयन का पैनल नहीं भेजा गया। लगातार कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं। राज्य सरकार नई नियमावली लाकर इन पर विराम लगा दिया है।

स्थायी डीजीपी के लिए भेजना पड़ता है पैनल
दरअसल, स्थायी डीजीपी की तैनाती के लिए संघ लोक सेवा आयोग को अधिकारियों के नाम का पैनल भेजना होता है। आयोग इनमें से तीन वरिष्ठ अधिकारियों के नाम का चयन करके राज्य सरकार को उनमें से किसी एक को चुनने का विकल्प देता है। विजिलेंस क्लीयरेंस के बाद राज्य सरकार तीनों में से उपयुक्त अधिकारी का चयन करती है।

ढाई साल में बने कार्यवाहक डीजीपी
डीएस चौहान
आरके विश्वकर्मा
विजय कुमार
प्रशांत कुमार

Courtsy amarujala.com
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments