Wednesday, October 23, 2024
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1857 के क्रांतिकारियों शाहिदों को किया गया नमन, पहली आजादी महोत्सव समाप्त

प्रयागराज भारत भाग्य विधाता के तत्वावधान में 1857 की क्रांतिकारी को शहीदों को नमन किया गया उनकी याद में दीप जलाए गए इस अवसर पर बोलते हुए असिस्टेंट कमिश्नर जीएसटी जितेन कुमार ने कहा कि अपने पूर्वजों के गौरवशाली इतिहास को समझो ना हमारी पीढ़ी की जिम्मेदारी है आज वह समय है जब हम 1857 के क्रांतिकारी शहीदों की गौरव गाथा को जन-जन तक पहुंचा है जिससे राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत हो।

शाहिद वॉल पर आयोजित एक दीप शहीदों के नाम कार्यक्रम में बोलते हुए जितेंद्र कुमार ने कहा कि शाहिद बोल एक ऐसा पवित्र स्थान है जहां पर हमारे पूर्वजों के गौरवशाली इतिहास का बोध होता है। आने वाले दिनों में यह नई कहानी रहेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पंडित रामनरेश त्रिपाठी उर्फ पिण्डीवासा ने कहा कि आधुनिक भारत में स्वतंत्रता आंदोलन का साक्षी है शाहीदवाल जहां शहीदों की दास्तान के अलावा स्वतंत्रता संग्राम की पूरी कहानी दिखेगी।

शाहिद बोल के संस्थापक कार्यक्रम संयोजक वीरेन्द्र पाठक ने 1857 की क्रांति पर प्रकाश डाला और बताया कि किस तरह हिंदू मुस्लिम मिलकर लियाकत अली और सरदार रामचंद्र की अगवाई में लड़े। जनविद्रोह ने तब के इलाहाबाद को आजाद कर लिया यह आजादी 7 जून से 16 जून तक थी बाद में करनाल मिलने निमर्माता पूर्वक भारतीयों को मार डाला या फांसी पर चढ़ा दिया गया आज पहली आजादी का अंतिम दिन है । इसीलिए अपने पूर्वज क्रांतिकारी और शहीदों को नमन करने के लिए उनकी याद में एक दीपक जलाया गया। भारत माता की जय के उद्घोष के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ। कार्यक्रम में अनिल त्रिपाठी पूर्व डीपीआरओ, जवाहर श्रीवास्तव अरविंद मालवीय काली शंकर मोतीलाल जी राहुल दुबे टीके पांडे प्रमोद शुक्ला विनय वर्मा कादिर भाई, मोहम्मद लईक नाजिम मालवीय जी उत्कर्ष मालवीय सलमान आमिर आरव भरद्वाज मनीष गोविन्द प्रमुख रूप से थे।

 

Anveshi India Bureau

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