एक तरफ भगवान श्रीराम अयोध्या में मंदिर में विराजमान होने बाद रामनवमी पर सूर्य तिलक का स्पर्श कराकर धूमधाम से श्रीराम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ प्रभु श्रीराम की कर्मभूमि में भी तिलक लगाया गया। जिसे देखने के लिए भारी भीड़ रही।
भगवान राम की कर्मभूमि श्रृंग्वेरपुरधाम में बुधवार को रामलला का जन्मोत्सव पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि श्रीराम विश्राम आश्रम में श्रृंग्वेरपुर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट एवं श्री तुलसी साहित्य प्रचार समिति के तत्वावधान में भव्य श्रीराम जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। वेदो के अनुसार वैदिक विधि विधान के साथ भगवान श्रीराम के मस्तक को गंगा जल में डूबे हुए फूलों से स्नान कराकर ललाट पर तिलक लगाया गया।
एक तरफ भगवान श्रीराम अयोध्या में मंदिर में विराजमान होने बाद रामनवमी पर सूर्य तिलक का स्पर्श कराकर धूमधाम से श्रीराम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ प्रभु श्रीराम की कर्मभूमि में भी तिलक लगाया गया। जिसे देखने के लिए भारी भीड़ रही।
श्रृंग्वेरपुरधाम में श्रीराम जन्मोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ रामलला के जन्म से पूर्व जय जय श्रीराम के संकीर्तन और अखंड दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया। भगवान राम के प्राकटय पर महिलाओ ने सोहर गाकर भगवान श्रीराम के आगमन की ख़ुशी जताई। ढ़ोल और हारमोनियम की धुन पर संगीतमय धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके साथ बाल राम का स्वरुप धारण किए श्रीश बाहुबली का तिलक भी किया गया। ग्रामीणों ने बाल राम श्रीश का पूजन करके झांकियों के दर्शन किए।
श्रद्धालुओं ने किया भगवान की झांकी का दर्शन