Saturday, July 27, 2024
spot_img
HomePrayagrajरामनवमी : श्रीराम की कर्मभूमि श्रृंग्वेरपुर में मनाया गया रामलला का जन्मोत्सव,...

रामनवमी : श्रीराम की कर्मभूमि श्रृंग्वेरपुर में मनाया गया रामलला का जन्मोत्सव, कराया गया गंगा जल से स्नान

एक तरफ भगवान श्रीराम अयोध्या में मंदिर में विराजमान होने बाद रामनवमी पर सूर्य तिलक का स्पर्श कराकर धूमधाम से श्रीराम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ प्रभु श्रीराम की कर्मभूमि में भी तिलक लगाया गया। जिसे देखने के लिए भारी भीड़ रही।

भगवान राम की कर्मभूमि श्रृंग्वेरपुरधाम में बुधवार को रामलला का जन्मोत्सव पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि श्रीराम विश्राम आश्रम में श्रृंग्वेरपुर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट एवं श्री तुलसी साहित्य प्रचार समिति के तत्वावधान में भव्य श्रीराम जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। वेदो के अनुसार वैदिक विधि विधान के साथ भगवान श्रीराम के मस्तक को गंगा जल में डूबे हुए फूलों से स्नान कराकर ललाट पर तिलक लगाया गया।

एक तरफ भगवान श्रीराम अयोध्या में मंदिर में विराजमान होने बाद रामनवमी पर सूर्य तिलक का स्पर्श कराकर धूमधाम से श्रीराम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ प्रभु श्रीराम की कर्मभूमि में भी तिलक लगाया गया। जिसे देखने के लिए भारी भीड़ रही।

श्रृंग्वेरपुरधाम में श्रीराम जन्मोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ रामलला के जन्म से पूर्व जय जय श्रीराम के संकीर्तन और अखंड दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया। भगवान राम के प्राकटय पर महिलाओ ने सोहर गाकर भगवान श्रीराम के आगमन की ख़ुशी जताई। ढ़ोल और हारमोनियम की धुन पर संगीतमय धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके साथ बाल राम का स्वरुप धारण किए श्रीश बाहुबली का तिलक भी किया गया। ग्रामीणों ने बाल राम श्रीश का पूजन करके झांकियों के दर्शन किए।

श्रद्धालुओं ने किया भगवान की झांकी का दर्शन

भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर श्रृंग्वेरपुरधाम पीठाधीश्वर महंत श्रीराम प्रसाद दास शास्त्री महाराज ने श्रीराम के जन्म की कथा सुनाई। बताया कि ऋषि श्रृंगी के तप से अयोध्या को चार पुत्रों की प्राप्ति हुई। जिसने संपूर्ण विश्व को प्रकाशित किया। ऋषि श्रृंगी ने अयोध्या मे पुत्रीष्ठि यज्ञ सम्पन्न कराया। जिसके पश्चात अग्नि देव हवि के साथ प्रकट हुए। जिसमें ऋषि वशिष्ठ के कहने पर हवि काआधा भाग कौशल्या,एक चौथाई कैकेयी और आठवां  भाग सुमित्रा को दिया।

कौशल्या से भगवान राम का प्राकट्य हुआ। ज्योतिष के अनुसार भगवान राम के जन्म के समय उनके पांच गृह उच्च के थे। जिसने राम को चक्रवर्ती सम्राट बनाया। इसके साथ कहा कि भगवान राम ने समस्त विश्व को मर्यादित जीवन जीने की शैली सिखाई है। वर्तमान मे श्रृंग्वेरपुरधाम समरसता की वह भूमि है जो विश्व को अध्यात्म और  प्रेम भाव का पाठ पढ़ा रही है। श्रृंग्वेरपुर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष अरुण द्विवेदी ने कार्यक्रम का संचालन किया। अरुण द्विवेदी ने बताया कि श्रृंग्वेरपुर धाम ने आज विश्व को श्रीराम के रूप मे प्रकाशित किया है। जो जन्म जन्म जन्मांतर तक श्रृंग्वेरपुरधाम की महिमा का बखान करती रहेगी। इस दौरान कोषाध्यक्ष पप्पू त्रिपाठी,महामंत्री सुरेन्द्र पुष्पकार,हरि भट्ट,मुन्ना सोनी,कल्लू बाबा समेत महिलाये एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

Courtsyamarujala.com
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments