Thursday, March 13, 2025
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Sambhal Jama Masjid : संभल की जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई की इजाजत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को दिया आदेश

Sambhal News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल जामा मस्जिद के मामले में फैसला सुनाते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) को मस्जिद की रंगाई पुताई और लाइटिंग कराने का आदेश दिया है।

Sambhal Jama Masjid Update: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल की जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को कड़ी फटकार लगाई। मस्जिद कमेटी के वर्षों से रंगाई-पुताई कराते आने की जानकारी पर हैरान कोर्ट ने पूछा कि आज रंगाई-पुताई पर आपत्ति उठाने वाली एएसआई पहले सो रही थी क्या? क्या खुद को बचाने या हुकूमत बदलने के डर से यह आनाकानी की जा रही है? कोर्ट ने रमजान से पहले हफ्तेभर में सजावट कराने का आदेश दिया।

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत ने जामा मस्जिद कमेटी की ओर दाखिल पुनरीक्षण याचिका की अंतरिम अर्जी स्वीकार करते हुए दिया। कमेटी ने रमजान के मौके पर सजावट व रंगाई-पुताई कराने की मांंग की थी। इस पर कोर्ट ने एएसआई से रिपोर्ट तलब की थी। एएसआई ने वीडियो फुटेज संग जांच रिपोर्ट पेश कर कोर्ट को बताया कि मस्जिद में रंगाई-पुताई नहीं, केवल साफ-सफाई की जरूरत है। इसके लिए एएसआई तैयार है। कोर्ट ने साफ-सफाई की इजाजत भी दे दी थी।

मस्जिद कमेटी के वकील एसएफए नकवी ने एएसआई की रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए। कहा, एएसआई ने उन स्थानों का सर्वे ही नहीं किया, जहां रंगाई-पुताई और सजावट की सख्त जरूरत है। इस पर कोर्ट ने एएसआई को पुनः जांच करके 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा। एएसआई से हलफनामे में यह भी स्पष्ट बताने को कहा कि आपत्तियों में जिन स्थानों का जिक्र है, वहां रंगाई-पुताई की जरूरत है या नहीं।

बुधवार को हलफनामे संग पेश एएसआई के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि मस्जिद प्रबंधन समिति वर्षों से रंगाई-पुताई कराती आ रही थी, जिससे मस्जिद की बाहरी दीवारों को नुकसान पहुंचा है। लिहाजा, पुरातत्व वैज्ञानिकों की राय के बिना कोई कदम नहीं उठा सकते। मस्जिद का सर्वे बुधवार को (आज) वैज्ञानिकों की टीम करेगी।

सवाल…पुताई का जिम्मा एएसआई का तो कैसे कराती रही मस्जिद कमेटी

एएसआई की दलील से हैरान कोर्ट ने पूछा कि जब मस्जिद के रखरखाव व सजाने-संवारने की जिम्मेदारी एएसआई की थी तो मस्जिद कमेटी यह काम कैसे कर रही थी। आज रंगाई-पुताई पर आपत्ति उठाई वाली एएसआई अभी तक सो रही थी क्या? या अब सरकार के डर व इशारे पर इससे भाग रही है? अधिकारी खुद को बचा रहे हैं कि कल हुकूमत बदली तो वे सुरक्षित रहें?

 

समझौता तोड़ने का हिंदू पक्ष ने लगाया आरोप

हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि मस्जिद कमेटी ने 1927 के समझौते को तोड़ा है। लिहाजा, मस्जिद कमेटी की मांग नाजायज है। इस पर भी कोर्ट ने तल्ख अंदाज में कहा कि यहां हवा में बहस नहीं होती। अगर मस्जिद कमेटी ने समझौते की शर्तों को तोड़ा होता तो एएसआई और सरकार ने नोटिस दिया होता। कोर्ट के पूछने पर महाधिवक्ता अजय मिश्रा व एएसआई के वकील मनोज कुमार सिंह ने बताया कि कमेटी ने समझौते की शर्तों को कभी नहीं तोड़ा है। एएसआई व हिंदू पक्ष की दलीलों से असंतुष्ट कोर्ट ने जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई और सजावटी लाइट लगाने की मांग को मंजूरी दे दी। कहा, मस्जिद के राष्ट्रीय धरोहर होने के नाते रंगाई-पुताई एएसआई की ही जिम्मेदारी है।

Courtsy amarujala.
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