मुंह का कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही लोग सहम जाते हैं। देर से इसका पता लगने के कारण जान का जोखिम बढ़ता जाता है। अब लखनऊ बीटेक के छात्रों ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है।
मुंह का कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही लोग सहम जाते हैं। देर से इसका पता लगने के कारण जान का जोखिम बढ़ता जाता है। अब लखनऊ बीटेक के छात्रों ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है, जो कि कैंसर के खतरे को शुरू होने से पहले ही भांप लेगी। माना जा रहा है कि इससे मुंह के कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की रोकथाम में मदद मिलेगी। फिलहाल आर्मी के साथ संयुक्त रूप से मरीजों पर डिवाइस के ट्रायल की तैयारी की जा रही है। इसके लिए कुछ अस्पतालों ने स्वीकृति भी प्रदान कर दी है।
सब कुछ ठीक रहा तो छह से सात महीने में यह डिवाइस मार्केट में उपलब्ध हो सकेगी। लखनऊ के एमिटी कॉलेज के बीटेक के छात्र सौरभ कुमार, ईशा सक्शेना, अमान आरिफ और इनके दो मेंटर की टीम मुक्ता ने मिलकर एक ऐसी डिवाइस का निर्माण किया है जो मुंह के कैंसर को शुरू होने से पहले ही भांप लेगी। सौरभ ने बताया कि डिवाइस को बनाने में छह से सात हजार रुपये की लागत आ रही है। इसके लिए उन्होंने लखनऊ के आर्मी हॉस्पिटल से मरीजों पर डिवाइस के ट्रायल का अनुबंध किया है।
इस डिवाइस के जरिए रोगी के मुंह की तस्वीर लेकर उसका डेटाबेस तैयार किया जाएगा और पुराने डेटाबेस से तुलना की जाएगी, जिसके आधार पर कैंसर के होने की संभावनाओं का पता लगाया जा सकेगा। लखनऊ बीटेक के छात्र पिछले एक साल से इस डिवाइस पर काम कर रहे हैं। अब जबकि यह तैयार हो चुकी है तो डेटा बेस के लिए अधिक से अधिक मरीजों पर ट्रायल की आवश्यकता है, जिसके लिए लखनऊ के आर्मी अस्पताल ने अनुमति प्रदान करने के साथ ही छात्रों को एक प्रमाणपत्र भी जारी किया है। इसके जरिए अन्य अस्पतालों से भी संपर्क साधा जा रहा है। वहीं एसजीपीजीआई ने अपने यहां ट्रायल की अनुमति दे दी है।
संभावना जताई जा रही है कि अगले सात से आठ दिनों में यहां के मरीजों पर डिवाइस के जरिए ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा। वहीं अन्य अस्पतालों से भी संपर्क साधा जा रहा है। बीटेक छात्रों का कहना है कि उनका लक्ष्य अगले छह से सात महीने में डिवाइस को पूर्ण रूप से माउथ कैंसर के मरीजों की जांच के लिए उपयोग में लाना है।
Courtsy amarujala.