याची का कहना था कि उसे सरकारी कार्य, कर्तव्यपालन में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। साथ ही दो इंक्रीमेंट 5 वर्ष के लिए रोकने और सर्विस रिकॉर्ड में दो परिनिंदा प्रविष्टि के आदेश दिए गए। स्क्रीनिंग कमेटी ने 7 नवंबर 2019 को याची की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को मंजूरी दे दी।
डिप्टी एसपी रतन कुमार यादव को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रदेश सरकार के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने डिप्टी एसपी को तीन सप्ताह के भीतर सेवा में वापस लेने और उसके सभी बकाया वेतन और भत्तों का भुगतान करने का निर्देश दिया है। रतन कुमार यादव की ओर से दायर की गई याचिका पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाड़िया आदेश दिया।
याची का कहना था कि उसे सरकारी कार्य, कर्तव्यपालन में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। साथ ही दो इंक्रीमेंट 5 वर्ष के लिए रोकने और सर्विस रिकॉर्ड में दो परिनिंदा प्रविष्टि के आदेश दिए गए। स्क्रीनिंग कमेटी ने 7 नवंबर 2019 को याची की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को मंजूरी दे दी। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याची को 11 जुलाई 2016 को पुलिस उपाधीक्षक के रूप में पदोन्नत किया गया और 18 जुलाई 2016 को जमानिया, जिला गाजीपुर में तैनात किया गया था।