ऑपरेशन के दौरान तस्करों में अफरा-तफरी मच गई। ठेकेदार, जो इस रैकेट का मास्टरमाइंड था, भीड़ का फायदा उठाकर कुछ अन्य बच्चों के साथ भाग निकला।
यूपी के प्रयागराज जंक्शन पर मंगलवार आरपीएफ जोगबनी से आनंद विहार टर्मिनल जा रही सीमांचल एक्सप्रेस छापेमारी करके मानव तस्करी के एक बड़े मामले का पर्दाफाश किया है। आरपीएफ, चाइल्डलाइन और आस्था महिला एवं बाल विकास संस्थान की संयुक्त टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 15 नाबालिग बच्चों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। इन बच्चों को कथित तौर पर मदरसे में पढ़ाने के बहाने लुधियाना ले जाया जा रहा था, जहां उन्हें अवैध रूप से काम पर लगाया जाना था। छापेमारी की भनक लगते ही मुख्य ठेकेदार कुछ बच्चों के साथ भागने में सफल रहा।
पढ़ाई के नाम पर कराई जा रही थी मजदूरी
आस्था महिला एवं बाल विकास संस्थान को बिहार से सूचना मिली थी कि सीमांचल एक्सप्रेस के जनरल और स्लीपर कोच में करीब 40 नाबालिग बच्चों को अवैध रूप से लुधियाना ले जाया जा रहा है। बच्चों को पढ़ाई के नाम पर ले जाने का झांसा दिया गया था, लेकिन उनसे मजदूरी कराई जा रही थी। इस सूचना के आधार पर संस्था ने तुरंत जीआरपी प्रयागराज क साथ मिलकर घेराबंदी शुरू कर दी। जैसे ही ट्रेन प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर दो पर मंगलवार सुबह पहुंची जीआरपी इंस्पेक्टर अकलेश कुमार सिंह और आरपीएफ इंस्पेक्टर अमित मीना के नेतृत्व में टीम ने तैनात हो चुकी थीं। जैसे ही सीमांचल एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म पर रुकी, टीमें हरकत में आ गईं। जनरल और स्लीपर कोच की बारीकी से तलाशी शुरू हुई।