प्रयागराज नेशनल हॉकर फेडरेशन प्रयागराज यू.पी ने प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग अधिनियम 2014 /17 को लागू करने के सन्दर्भ में । देश के 29 राज्यों में पथ विक्रेताओ के संवैधानिक अधिकारो के तहत काम कर रहा है। प्रदेश अध्यक्ष श्याम सूरत पाण्डे ने बताया उत्तर प्रदेश में पथ विक्रेता अधिनीयम 2014/17 कानुन का अनुपालन एवं क्रिर्यान्वयन करने में पूर्ण विफल रहा है। आज देश भर में 5 करोड़ स्ट्रीट वेंडरों और उनकी आजीविका की रक्षा के लिए 2014 मे कानून पारित हुए आज 10 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक इसे प्रभावी रुपसे राज्य में लागू नहीं किया गया । एक तरफ केंद्र और राज्य सरकारें गरीबों और मेहनत कश लोगो की बात करते है, उनके हितों की रक्षा करने का दावा करती हैं, दूसरी तरफ स्ट्रीट वेंडर्स जो समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा और बिना किसी सरकारी सहायता के सड़क किनारे लोगों की सेवा करते हैं। उसकी रक्षा करने वाला कानून लागू नहीं होता ।
नेशनल हॉकर फेडरेशन अंतर्राष्ट्रीय हॉकर दिवस के अवसर पर आपसे पथ विक्रेता अधिनियम 2014/ 17 को प्रभावी ढंग से लागू करने का अनुरोध करता है। राज्य में नौकरशाही, चाहे वह नगर परिषद, नगर निगम,महानगर पालिका आदि हो, पथ विक्रेताओं के हित में कानून को प्रभावी ढंग से लागू करें और लाखों लोगों को न्याय दें। कुछ शहरों में, कानून बनने से पहले स्ट्रीट वेंडरों का सर्वेक्षण किया गया था पहले उन सर्वेक्षित पंजिकृत पथ विक्रेताओ को वेडिंग जोन में विस्थापित करें।
टाऊन वेन्डिंग कमेटी के कार्यो को अधिकारी अहमीयत नहीं देते । उत्तर प्रदेश के अधिकतर शहरो मे स्ट्रीट वेंडरों का सर्वेक्षण आधा – अधूरा किया गया यह भी पाया गया कि सर्वे में जितने भी पथ विक्रेता मिले, उन्हें विक्रय प्रमाण पत्र नहीं दिया गया ।
पथ विक्रेता अधिनीयम 2014/ 17 के अंतर्गत हर शहर में पांच साल में एक बार स्ट्रीट वेंडरों का सर्वे कराना अनिवार्य है, लेकिन पूरे राज्य में कहीं भी ऐसा नहीं किया गया है । विक्रय प्रमाण पत्र कानून के अनुसार जारी किया जाना चाहिए। कानून के अनुसार शहर की TVC का कार्यकाल पाँच वर्ष है, लेकिन कुछ शहरों में कानून से पहले स्थापित समितियाँ अभी भी दस वर्षों से अधिक समय से बिना अधिकार कार्य कर रही हैं। आज तक प्रदेश मे भारत सरकार के आवासन एवं नागरिक कार्य मंत्रालय द्वारा 6 जून 2019 को जारी मार्गदर्शन परिपत्र को प्रदेश भर में लागू नहीं किया गया है।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत देश भर के 78 लाख सड़क श्रमिकों को राष्ट्रीयकृत बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने का श्रेय मोदी सरकार अक्सर लेती है। देश के प्रधानमंत्री के निर्देशो की अनदेखी कर रहे पूरे प्रदेश में न तो पथ विक्रेता कानून लागू किया जा रहा है और न ही पथ विक्रेताओं को व्यवसाय करने के लिए वेडिंग जोन बनाये जा रहे। यहां तक कि खुद देश के प्रधानमंत्री भी कई बार कह चुके हैं कि वह खुद चाय बेचते थे. तो गरीबों और आम लोगों की सरकार होने का दावा करने वाली राज्य सरकार फुटपाथ दुकानदारों के साथ अन्याय क्यों करती ..?
👉 महत्वपूर्ण मांगें:-
1. स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) अधिनियम, 2014/ 17 को तत्काल लागू किया जाना चाहिए और जब तक अधिनियम लागू नहीं हो जाता, तब तक पथ विक्रेता अधिनियम की धारा 3 (3) के अनुसार उन्हे अपने मूल स्थान से हटाया व प्रताड़ित ना किया जाये ।
👉 2. भारत सरकार के आवासन एवं नागरिक कार्य मंत्रालय द्वारा जारी 6 जून 2019 को मार्गदर्शन परिपत्र को क्रियान्वित किया जाये।
👉 3. सेंट्रल मानिटरिग कमेटी का गठन कर फुटपाथ दुकानदार को बाजारों से बेदखली पर रोक लगाई जाए ।
👉 4.भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के निर्देशानुसार, एक अस्थायी TVC का गठन किया जाना चाहिए और राज्य सरकार को स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम की धारा 38 के तहत एक योजना का प्रस्ताव देना चाहिए और प्रत्येक TVC के साथ परामर्श के बाद मसौदा तैयार करना चाहिए।
👉 5. मास्टर प्लान बनाने हेतु गठित कमेटी में स्ट्रीट वेंटरों को शामिल किया जाए ।
👉 हमारे राज्य में हॉकर कानून लागू किये बिना लगातार की जा रही अमानवीय कार्रवाई के खिलाफ नेशनल हॉकर फेडरेशन के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ पुरजोर विरोध करने का निर्णय लिया …
Anveshi India Bureau