Gyanvapi Case: ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर एक नया वाद दाखिल किया गया है। वाद में काशी विश्वनाथ, शिव परिवार, नंदी व ज्ञानवापी तीर्थ को फिर से प्राप्त करने की मांग की गई है।
ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर एक नया वाद दाखिल किया गया है। यह वाद पत्रकार सौरभ सिंह सोमवंशी, कौशांबी के सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार सिंह, इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता राणा प्रताप सिंह और सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट रीना एन सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन हितेश अग्रवाल की अदालत में दाखिल किया। अदालत ने वाद को सुनवाई योग्य पाते हुए अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन चतुर्थ युगल शंभू के यहां इसे स्थानांतरित कर दिया।
अदालत ने सभी पक्षकारों को आपत्ति दाखिल करने के लिए नोटिस जारी कर और वाद बिंदु तय करने के लिए नौ जुलाई की तिथि तय की है। वाद में काशी विश्वनाथ, शिव परिवार, नंदी व ज्ञानवापी तीर्थ को फिर से प्राप्त करने के साथ ही उसे मुसलमानों के कब्जे से मुक्त कराने की मांग की गई है। इसके अलावा ज्ञानवापी से मस्जिद को हटाकर फिर से हिंदुओं को वापस करने की मांग की गई है। ताकि, आरती और भगवान का शृंगार सुचारू रूप से हो सके।
वाद में कहा गया है कि मस्जिद के अंदर कुएं में गंगा का जल लगातार विद्यमान है, जिसका जिक्र स्कंद पुराण में भी किया गया है। ज्ञानवापी से जुड़े इस नए वाद में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी व श्री काशी विश्वनाथ मंदिर बोर्ड ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है। जबकि, भगवान श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, भगवान श्री काशी विश्वनाथ स्थान, भगवान श्री नंदीश्वर विश्व वैदिक संस्थान न्यास, श्री संपूर्ण न्यास परिवार, ज्ञानकुंड स्थान ज्ञानवापी की तरफ से वाद दाखिल किया गया है।
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