कोविड के दौर में रेलवे ने सभी पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल में तब्दील कर दिया था। बहुत सी पैसेंजर ट्रेनें एक्सप्रेस में अपग्रेड कर दी गई थीं। इस वजह से इनका न्यूनतम किराया 10 से बढ़कर 30 रुपये कर दिया था।
उत्तर मध्य रेलवे जोन में स्पेशल ट्रेन के रूप में संचालित हो रहीं पैसेंजर ट्रेनों को उनकी पुरानी वास्तविक पहचान मिलेगी। एक जुलाई से रेलवे की नई समय सारिणी में एनसीआर जोन में चल रहीं प्रयागराज संगम-कानपुर अनवरगंज स्पेशल समेत 86 ट्रेनें एक बार फिर से वापस पैसेंजर ट्रेन के रूप में संचालित होंगी। इनके नंबर के आगे लगा जीरो भी हट जाएगा। जीरो हटने के बाद ये 86 ट्रेनें स्पेशल नहीं रह जाएंगी।
एक जुलाई 24 से यह नियमित ट्रेनों की सूची में शामिल हो जाएंगी। कोविड के दौर में रेलवे ने सभी पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल में तब्दील कर दिया था। बहुत सी पैसेंजर ट्रेनें एक्सप्रेस में अपग्रेड कर दी गई थीं। इस वजह से इनका न्यूनतम किराया 10 से बढ़कर 30 रुपये कर दिया था। इस साल फरवरी में रेलवे ने इन ट्रेनों का स्टेट्स एक्सप्रेस से हटाकर फिर पैसेंजर कर दिया था।
इन ट्रेनों में किराया तो पैसेंजर का ही लिया जाने लगा, लेकिन नंबर के आगे से जीरो नहीं हटाया था। अब एक जुलाई से यह जीरो भी हट जाएगा। उत्तर मध्य रेलवे की जनसंपर्क अधिकारी रागिनी सिंह ने बताया कि एनसीआर जोन में चल रहीं 86 ट्रेनों के नंबर के आगे से जीरो हटाया जा रहा है। एक जुलाई से यह सभी ट्रेनें नए नंबर से संचालित होंगी।
इन प्रमुख ट्रेनों के नंबर से हटाया गया है जीरो नंबर
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