असम में बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने हर छह महीने में एक विशेष अभियान चलाने का ऐलान किया है। इसके लिए उन्होंने डीजीपी को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए हैं।
बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विशेष अभियान चलाने की घोषण की। इस अभियान के तहत हर छह महीने में विशेष अभियान चलाया जाएगा। दरअसल बुधवार को एक एनजीओ की रिपोर्ट जारी की। जिसमें कहा गया है कि बाल विवाह के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई से ऐसे मामलों की संख्या में कमी आई है।
इसके बाद सीएम ने बुधवार शाम को एक वीडियो संदेश जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा, “बाल विवाह के खिलाफ हमारा अभियान और सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। हर छह महीने में एक विशेष अभियान चलाया जाएगा और डीजीपी को इस साल नवंबर-दिसंबर में बाल विवाह पर अगली कार्रवाई के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है।” उन्होंने कहा कि शुरुआत में कुछ लोग “बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई से खुश नहीं थे, लेकिन अब लोग अल्पसंख्यक क्षेत्रों में भी इस सामाजिक बुराई को रोक रहे हैं।” सीएम सरमा ने कहा कि भारत बाल संरक्षण (आईसीपी) रिपोर्ट के आंकड़े “नारी शक्ति को सशक्त बनाने में हमारे निरंतर प्रयासों का प्रमाण हैं।” बता दें बाल विवाह मुक्त भारत, जिसका आईसीपी एक हिस्सा है, 2022 में शुरू किया गया एक राष्ट्रव्यापी अभियान है और देश भर में इसके लगभग 200 एनजीओ भागीदार काम कर रहे हैं।